Book Title: Dasveyaliya Uttarjzhayanaim Avassay suttam
Author(s): Shayyambhavsuri, Pratyekbuddha, Ganadhar, Punyavijay, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 8
________________ Jain Education International गंथसमप्पणं आयार- विणय - लामण्णथेजकरणाइएसु भावेसु । सुत्तरयणाए जेहिं परोवयारो कओऽनूणो ॥ १ ॥ तेलि थेरभदंताण ताणभूयाण भव्वजीवाणं । सिरिसेजंभवसूरिष्पमुहाणं परमपुरिसाणं ॥ २ ॥ करजुयलकमलमज्झे दसयालियपभिइ सुत्ततयमेयं । मुणिपुण्णविजय - अमया विणओवणया समप्पेमो ॥ ३ ॥ तुम्ह पसाया लद्धं वत्युं तुम्हाण अप्पयंताणं । अम्हाण बालचरियं खमंतु पुज्जा खमासमणा ॥ ४ ॥ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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