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चारित्र्य-सुवास हैं। किसानोंके लिए कुआँ-बावड़ी बँधवाकर अनेक प्रकारकी सुविधाएँ कर दी हैं। सार्वजनिक धर्मशालाओं और औषधालयों आदिके पीछे भी इस वर्ष अधिक खर्च हुआ है।' ___ मध्यप्रान्तके सूबेदारका अपनी प्रजाके प्रति लगाव देखकर राजा प्रसन्न हुए और उन्हें वर्षभरके श्रेष्ठ कायोंके लिए योग्य पुरस्कार दिया, एवं अन्य सूबेदारोंको प्रजाकी भलाईकी ओर ध्यान देनेका आदेश दिया।
जीवरक्षाका दृढ़ संकल्प
लगभग साठ वर्ष पहलेकी यह बात है। भावनगरमें उस समय महाराजा भावसिंहजीका शासन था। भावनगरसे दूसरा ही स्टेशन खोडियार है जो माताजीके भक्तोंके लिए प्रसिद्ध तीर्थधाम है। ___ महाराजाके जन्मदिन चैत्र वदी पंचमीको वहाँ वड़ा मेला लगता था, जिसमें माताजीकी पूजा होती और भोग लगाकर प्रसाद वाँटा जाता।
पूजा-अनुष्ठानमें आचार्य जयराम पुरुषोत्तम और उनकी धर्मपत्नी कस्तूरवाई थे। जव उस बाईको पता चला कि पूजा
और प्रसादीकी सामग्री आ गयी है और उसमें एक हृष्टपुष्ट सिंगारा हुआ वकरा भी है जिसका भोग माताजीको लगाया जायेगा, तव उस वाईका मन भयसे काँप उठा और हृदय धकधक करने लगा। उसने आग्रह किया कि वकरेका वध तो विलकुल नहीं होना चाहिए।
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