Book Title: Chahdhala Ka sara
Author(s): Hukamchand Bharilla
Publisher: Digambar Jain Vidwatparishad Trust

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Page 12
________________ छहढाला का सार पहला प्रवचन क्या तुम सारी चीजे खुद के ही अनुभव से सीखोगे ? क्या तुम्हारे सामने ऐसे लोग नहीं है कि जिनके पास इनकी कोई कमी नहीं है, फिर भी दु:खी हैं; क्या उनसे नहीं सीख सकते ? पैसे की कमी है - इसलिए भाई-भाई में झगड़ा होता है। यदि ऐसा है तो अंबानी बंधुओं में झगड़ा क्यों हुआ ? उनके पास तो पैसे की कमी नहीं थी। भरत-बाहुबली में भी युद्ध क्यों हुआ? क्या उनके पास भी खाने-पीने की व्यवस्था नहीं थी? जो राष्ट्रपति बन गये, प्रधानमंत्री बन गये; वे तो बहुत सुखी हो गये होंगे । जेड सुरक्षा प्राप्त है उनके पोते-पोतियों को भी; क्योंकि आतंकवादी कहते हैं कि इनके पोते को उड़ा ले जायेंगे, बेटी के बेटों को उड़ा ले जायेंगे; फिर कहेंगे कि आतंकवादियों को छोड़ो, तब इन्हें छोड़ेंगे। देखो, वे चौबीसो घण्टे भयाक्रान्त हैं। जो तुम्हें सुखी दिख रहे हैं, एक बार उन पर निगाह डालकर तो देखो कि वे कितने सुखी हैं ? इससे तो ये मजदूर भले हैं, जिन्हें इसप्रकार का कोई भय तो नहीं है। ____ मैं यह नहीं कह रहा हूँ कि गरीब सुखी हैं। मैं तो यह कहता हूँ इस संसार में गरीब और अमीर दोनों ही दु:खी हैं। यदि तुम यह मानकर बैठे हो कि सभी के पास रोटी, कपड़ा और मकान हो जायेगा तो सारा देश सुखी हो जायेगा तो इस बात में कोई दम नहीं है; अमेरिका में तो सभी के पास रोटी, कपड़ा और मकान है, तो क्या वे सुखी हैं ? अरे भाई ! हम कुछ न कुछ तो दूसरों को देखकर भी सीख सकते हैं। सारे संयोग हम अपने पर उतार-उतार कर देख सकते हैं क्या ? हिन्दुस्थान अमेरिका बन जायेगा तो क्या हो जायेगा ? अमेरिका को सारी दुनिया की चिंता है। अभी हमें मात्र अपने देश की ही चिंता है, फिर सारी दुनिया की हो जायेगी। हमें एक मच्छर ने काटा, हमने फटाफट हाथ मारा और वह मर गया। उसने हमारा कितना खून पिया होगा ? एक बूँद का भी चौथाई भाग पिया होगा। उसको तुमसे कोई बैर-विरोध तो था नहीं। बेचारा क्या करे, भूखा था। उसके पास न तो दुकान है, न खेत हैं, न धंधा है, न कल-कारखाने हैं। क्या करता वह ? पेट तो भरना ही था । उस बेचारे ने अपना पेट भरने के लिये तुम्हारा इतना सा खून पिया और तुमने अपना खून तो पूरा ले ही लिया और उसका जीवन भी ले लिया। ___ अरे ! तुम एक मच्छर की बात करते हो; पर लोग तो कहते हैं कि - आजकल मच्छर बहुत हो रहे हैं, सारे घर में डी. डी. टी. छिड़का दो। एक भी मच्छर नहीं रहना चाहिए। ___ एक मच्छर ने तुम्हें क्या काटा, तुम मच्छरों के कुल के कुल साफ करने को तैयार हो। अंडों को भी नष्ट कर दो, जिससे उनकी नस्ल ही खत्म हो जाये। घर में डी. डी. टी. छिड़कने से क्या अकेले मच्छर ही मरेंगे, कीड़े-मकोड़े-क्रॉकरोच नहीं मरेंगे? जिन कीड़े-मकोड़ों से तुम्हें कोई नुकसान नहीं होता, वे भी मरेंगे। ____ यदि दुर्भाग्य से तुम नगर-निगम के अध्यक्ष हो गये तो पूरे नगर में डी. डी. टी. छिड़का दोगे। यदि किसी प्रदेश के मुख्यमंत्री हो गये तो पूरे राज्य में, कहीं भी एक मच्छर दिखाई नहीं देना चाहिए। और यदि महा दुर्भाग्य से प्रधानमंत्री हो गये तो सारे देश में एक भी मच्छर जिंदा नहीं रहना चाहिए। अखबारों में निकाल दो, दीवारों पर लिख दो कि जो एक मच्छर या मलेरिया का एक मरीज मुझे लाकर दिखायेगा तो मैं उसे एक हजार रुपये इनाम दूंगा। ___ एक प्रकार के मच्छरों को मारते ही दूसरे प्रकार के मच्छर पैदा हो जाते हैं। डेंगू जाता है तो चिकनगुनिया आ जाता है। हम कितने बड़े हत्यारे हैं कि एक मच्छर ने हमें काटा तो हम सारी दुनिया के मच्छरों (10)

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