Book Title: Bruhat Katha kosha
Author(s): Harishen Acharya, 
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

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Page 523
________________ ३६४ जिनदत्ता जिनदास जिनदासी जिनदेव जिनपालित जिनमति जिनमती जिनसेन जिनसेना जीवंधर जीवंयशा ज्येष्ठा ज्योतिर्माला टङ्कण (देश) टङ्कण (गिरि) तक्षिका तपोधी तरङ्गभङ्गिनी तरङ्गमति तरङ्गवेगा तरङ्गसेना तलाटवीपुर तामलिन्द्री तामलिप्ति तामलिप्तिका तारक तिलक तिलकमति तिलकश्री तिलका तिलकाराष्ट्र तिमिङ्गिल तिलोत्तमा तुङ्गभद्र तुङ्गिका तेरा तोणिम तोणिमत् त्रिकूट त्रिपुर त्रिलोकप्रज्ञप्ति त्रिलोकसार त्रिलोकसुन्दर Jain Education International हरिषेणाचार्यकृते बृहत्कथाकोशे त्रिविक्रम त्रिवेदी त्रिशिरस् १,४,२७,४६,५४,६३,६४,६९, ७८, १०२, १०४, १३५ ४,१३, ५३, ५९, ६३, ६४,६५,६६ ५३, ६०, ६४,६९,९० १०५ २७, १३५ १,५४,१३५, १३९ ६४, १०६ ६२,६६, १२६,१३९, १४०, १५२ १२१ २९ १०६ ५५ १२६,१३५ ९३ ९३ १० ९६ ९७ ९७ ९७ ९७ १४५ १३९ ५६ ९३ १२६ ५७ ५५ १०५ ५७ २८ ५७ ५७,९९ ४६ ११८ ५६ ५४ १३९ १०५ ९७ ७८ ५७ ५७ दक्ष दक्षिण दक्षिणापथ दण्डकारण्य दण्डवे दत्त दत्तक्षान्ति दत्तपुर दत्ता दन्तिपुर दन्तिवाहन दमदत्त दमधर दमयन्ती दमवर दशमुख दशरथ दशान्य दशा दारिद्रका दिवाकरदेव दिव्यपुरी दीर्घक दुरण्ड दुर्गा दुर्गादेवी दुर्मुख दुर्मुखी दुर्योधन दुष्टभाव दुःशासन दूषण सूर्य देव देवकि देवकी देवकुमारी देवकुरु देवकूट For Private & Personal Use Only [ जिनदत्ता ९२ १२६ ८४ ८४ ४६ २२, ४९, ५५, ५६, ६६, ७५, १२३, १२४, १२५,१२६, १२७,१३१,१३६,१३८, १४१,१४३,१४४, १४५,१४६,१५४ ८३,८४ १४२ ८७ ७८ ८० ६३ ५६, १३९ ५६,६०,६८,१२७ ९१,१४१ ९८ १२७ ,८५,१००, १०२ ८४ * १०० ११८ १२ १२ ४६ ६१ ९७ ९९,१०५ ७१,८०, १०६ १२,९८ १२ १५, ८३, १४१ ८७ ८३ ८४ ६२ ११ १०६ ११, १०६, ११८ ५९ १५१ ९७ www.jainelibrary.org

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