Book Title: Bruhat Katha kosha
Author(s): Harishen Acharya, 
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

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Page 521
________________ ३६२ [खेटकग्राम खेटकग्राम हरिषेणाचार्यकृते बृहत्कथाकोशे १३५ गरुडदत्त गरुडवेग गरुडसेन १०५ १२,१३९ खेत ११८ my - 9 Serv गर्ग ख्यान्तिका गगनचन्द्र गगनवल्लभ गगनवल्लभा गगनश्री गगनसुन्दरी गगनादित्य गङ्ग गङ्गदत्त गङ्गदत्ता गङ्गदेवक गङ्गभट गङ्गा ९७ २६,५७,१२७ गुणपाल ५७,७२,१३९ १०,७८,१२६ गुणश्री ७६,१३८ १०९,१३९ गङ्गादेवी ५६,७८ गर्दभ गान्धारिणी गिरावर्त गिरिकर्णिका गिरिनगर ८३,१४५ गुडखेटक ५७,६३ गुणधर ८०,९६ ८० गुणमती १०६,१०८ १८,२१,५५,५६,६०,६३,६७,७४, गुणसेन ८३,९४,९६,१०२*५,१०५,१०६, गुरुदत्त १२७,१३०,१३३,१५० गोकर्ण १३३ गोकुल गोचरदत्त गोचरसन्दीव गोपदास १२८,१३९ गोपदासी १३९ गोपालक गोपालदण्डी गोमति ११२ गोमती गोमिनी ७८,९७ गोमुख ७८,११३ गोरमुण्ड १३९ गोवर्ज ११४ गोवर्धन ११४,१२८ गोविन्द गौतम १२७ गौरी ९३,११४ घण्टा १०५ चक्र १२६ चक्रधर १०८ चक्रपुर चक्रवर्तिन् ५७,१०९,११८ चक्रायुध १०६ चण्डकर्मन् चण्डचित्त चण्डप्रद्योत ७८ । चण्डप्रज्ञ १२७ गङ्गाधर गङ्गाभट गङ्गाभद् गजकुमार गजपर्वत गतशोक गन्धक गन्धन गन्धमादन गन्धमालिनी गन्धमित्र गन्धर्व गन्धर्वदत्त गन्धर्वदत्ता गन्धर्वपत्तन गन्धर्वभूपाल गन्धर्वसेना गन्धर्वानीक गन्धवती गन्धसूकरी गन्धार गन्धारी गन्धावती गन्धिल गन्धिला गरुडदण्ड ४६ १०६,१३१ ७२,८६,९८,१२१ २२,९६ ५४,११८ ० - १०५ ० - ० - १५४ ९७ ० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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