Book Title: Bruhat Katha kosha
Author(s): Harishen Acharya, 
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

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Page 526
________________ -प्रियमती] - वर्णानुक्रमसूची ३६७ २८ ५७,१३३,१४१ १०२ ८६,१५६ पाण्डु पाण्ड(पाण्ड्य) पाण्डुक पाण्डुरीक पाण्ड्य पारसीक पारिजात पार्थपत्तन पाच पार्श्वनाथ पिटकत्रय पिनाक पिना(ना)कगन्ध पिनाकभक्ष पिप्पलग्राम पिशाच २३,२५,७६,७८,११४,१२८ १०६ १३१ ७,५८,८३,९६ । पूर्वमालवक पूर्वमेरु १२७ पूर्व विदेह पृथिवी पृथिवीतिलक १०२ पृथिवीपुर पैष्पलाद पोदन २०,५२,५६ पोदनापुर पौण्डूवर्द्धन ४६ पौलोमी १०४ पौल्लरिरं १०४ प्रजापाल १०४ १०४ प्रज्ञप्ति १५७ प्रद्युम्न प्रद्योत ५७,६६,७८ प्रभङ्कर १०५ प्रभञ्जन प्रभा प्रभाकरी १३१,१४५, प्रशस्ति प्रभाकीर्ति प्रभातनगर १३९ प्रभावती प्रमुदितोदय प्रमोदवाहन १११ प्रयाग ५७,१११ ११६ प्रश्रेणिक ११० १२५ ४,२७,३२,३८,४५,५५,५७,५९, १२७,१३०,१५३ १२,९७,१२६,१२७ ३४ १२६,१३५,१४० १२७ पिष्पलाद ५५,६३,१२७ Totuudikiuhaliland १३६ १११ ९७,१३९ ६३ ६३ ५६,१५० प्रनाज, ५५,१४० पिहिताश्र(स)व पुण्डरीका पुण्डरीकिणी पुण्यक पुबाट पुरन्दर पुरन्दरपुर पुरिमपुर पुरुदेव पुरूरवस् पुष्क(प)लावती पुष्प पुष्पचूल पुष्पदन्त पुष्पदन्ता पुष्पबलि पुष्पाभजल पुष्पावती पुष्पावली पूतना पूतपर्वत पूतिगन्धा पूतिगन्धि पूतिमुख पूतिमुखी पूर्णचन्द्र पूर्णचन्द्रा पूर्णभद्र ५५,९७ WW०० ७८,९३ १२७ १२७ प्रियकारिणी ११० प्रियङ्कर प्रियङ्करा प्रिया प्रियदर्शन १०६ प्रियङ्गुलता प्रियङ्गुलतिका प्रियङ्गुश्री प्रियङ्गुसुन्दरी प्रियचन्द्र ११० प्रियदत्ता ३०,७८ प्रियधर्म प्रियधर्मा ३०,३१ । प्रियमती ४७ ८२,१२७ २७,१०२*६ १२७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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