Book Title: Bruhat Katha kosha
Author(s): Harishen Acharya, 
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

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Page 530
________________ -वसुमित्र] वर्णानुक्रमसूची ३७१ वत्सकावती ७८ ८४,८९ १३१ वनमाला वनवास वप्रवाद वप्रा १९,२७,३१,४५,५५,५६,६६,६९, ९४,१०१,१०२*२,१२६,१३५ ३२ १४३ १३१ ३३ ४६,१२२,१५५ रामदत्ता रामदेव रामिल्ल रामिल्ला रावण रिष्टक रुक्मिणी रुक्मिन् रुद्र रुद्रदत्त रुद्रमालिन् रुद्राणी रूपश्री रूपखुरा रूप्यकुम्भ रूप्यखुर रूपिणी ५६,८४,८९, प्रशस्ति १४४ ३४,१०८,११८ १०८ ७,११,५४,९६,९७ १२,५४,६५,९३ ६३,७८,९५ ६३ १५७ ५७ سوم و سر و سه س वरदत्त वरदत्ता वरधर्म वरधर्मा वररुचि वराक्ष वराङ्ग वराट वराहक वराहकण्ठ वराहग्रीव वरि वरुण वरुणदत्त वरुणा १२७ ८०,१०२ س س س रेणुका १२६ रेवती ५९,१२२ ७,१०६,१४८ ९५,१५० रेवा १०५ १२८ ७८ वरेन्द्र ५७,८८,९४,९७,११८ रैवतक रोहिणी रोहिणी(व्रत) रोहित रोहेटकपुर २८,७३,१०० १३६ १०२ ८४,१०५,१२७ ११८ ८२ लक्षपाक लक्ष्मण लक्ष्मणा लक्ष्मीग्राम लक्ष्मीमती लक्ष्मीव(मोती लका १०८ ११,५७,१०८,१०९,१३६ ६,५६,८४ १२६ वर्धकि वर्धमान ५६,५७,१३०,१३१ वर्धमानपुर प्रशस्ति वलग्राम वल्लभराज १२३,१४६ वलभी १३१ वशि(सिष्ठ ५९,९९,१०६ वसन्त वसन्ततिलका ५७,७२,१५० वसन्तमाला ११६ वसन्तसेन वसन्तसेना ६२,९३,९८,१५० वसन्ता ७६ वसुदत्त वसुदास वसुदेव ३५,८८,९३,१०६,११०,११५,११८,१२८ वसुन्धरा ४६,५७,१४६ वसुपाल १०,२०,२४,५५,५६,५७,६३, १०२,१२६,१४५ वसुपाला वसुमति ६३,५५ वसुमती १०,२०,२४,५५,५६,५७ वसुमतीश्री ... वसुमित्र २४,४८,५५,५६,५७ लब्धि लाट लोकपाल ५४,१०८,१३१,१३९ ५७ वक १५३ वङ्ग वज्रदत्त वज्रविद वज्रबिम्ब वज्रवेग वज्रायुध वटप्राम वत्सक १५७ १५७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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