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: १: अग्रिम वेतन
बगदाद का खलीफा बहत ही न्यायप्रिय था। उसने अपना पारिश्रमिक निश्चित कर रखा था। वह संध्या के समय राजकार्य देखता और प्रजा की सेवा के बदले में प्रतिदिन तीन दिरम लेता था। जब कि अन्य कर्मचारियों का वेतन इससे कई गुना अधिक था।
एक दिन खलीफा की बेगम ने उससे निवेदन किया कि आपश्री यदि मुझे तीन दिन का वेतन अग्रिम दे देखें तो ईद के लिए बच्चों के नये कपड़े बना लू ।
खलीफा ने कहा-तुम्हारा कहना ठीक है किन्तु मैं तीन दिन तक जीवित नहीं रहा तो राज्य का कर्ज बताओ कौन चुकायेगा। इसलिए सर्वप्रथम तुम खुदा से मेरी जिन्दगी का तीन दिन का पट्टा ले आओ, उसके पश्चात् ही मैं तीन दिन का अग्रिम वेतन खजाने से उठाऊँगा।
बेगम के पास इसका कोई उत्तर नहीं था । वह अपने कर्तव्यनिष्ठ पति की सावधानी देखकर चकित थी।
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