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भेद-भाव
पानीपत के मैदान में दोनों ओर की सेनाएँ पड़ी हुई थीं। एक ओर मराठों की सेना थी और दूसरी तरफ अहमदशाह अब्दाली की सेना थी। किन्तु सर्वप्रथम पहल कौन करे ? युद्ध का बिगुल पहले कौन बजाये? इसी उलझन में दोनों उलझे हुए थे।
रात्रि का गहन अंधकार था। अहमदशाह अब्दालो अपने मुख्य सरदारों के साथ घूम रहा था। उसने देखा, दूर जहाँ पर मराठों की सेना का पड़ाव पड़ा हुआ है वहाँ पर जगह-जगह आग जल रही है। अब्दाली के कदम रुक गये। उसने अपने सरदारों से पूछा-यह सामने स्थान-स्थान पर आग क्यों जल रही है ?
एक सरदार ने निवेदन किया-हजुर ! मराठा लोग अपना भोजन पका रहे हैं।
भेद-भाव
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