Book Title: Bolti Tasvire
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 136
________________ : ७१ : पुण्य-बल पुण्य का बल सबसे बढ़कर बल है । दिल्ली के अधिपति जहाँगीर की महान् सुन्दरी बेगम नरजहाँ सिन्ध के जंगलों में उत्पन्न हई थीं। जेठ को चिलचिलाती धूप गिर रही थी। ऊपर से आसमान आग उगल रहा था तो नीचे रेगिस्तान की बालू तप्त तवे की तरह तप रहो थी। उसके माता-पिता ईरान छोड़कर भाग रहे थे । न प्रसूता को खाने के लिये अन्न था, न पोने के लिए पानी था। प्रस्तुत नवजात कन्या को लेकर यात्रा करना अत्यन्त कठिन था। पति ने कहा-इस कन्या को साथ लेकर चलना मुश्किल है। अतः पति के कहने से पत्नी ने नवजात शिशु को एक स्थान पर लिटा दिया। कुछ दूर ही चले थे कि माँ के मन में अपनी पूत्री के प्रति स्नेह जागृत हुआ। उसने पति से कहा-पतिराज ! मैं तब तक पुण्य-बल ... १२३ Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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