Book Title: Bolti Tasvire
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 143
________________ कहा-भाई ! जो कार्य तू कर सकता है वह कार्य एक छोटी मछली भी कर सकती है और जो कार्य मैं कर सकता है वह एक मक्खी भी कर सकती है। हमारी साधना इन चमत्कारों के प्रदर्शन के लिए नहीं है। हम सत्य की खोज करें, गर्व का परित्याग करे। यदि तुम सत्य के संदर्शन करना चाहते हो तो तुम्हें अहंकार का परित्याग करना होगा। फकोर हसन बसरी का गर्व नष्ट हो गया। उन्होंने उसके बाद कभी भी अपनी लब्धि का प्रदर्शन न किया। १३० बोलती तसवीरें Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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