Book Title: Bolti Tasvire
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 13
________________ ( १२ ) १०० ૧૦ર १०४ ० १०८ ११२ ६०. व्यर्थ का अभिमान ६१. पगड़ी की शान ६२. गजनवी की न्यायप्रियता ६३. प्रजा-वत्सलता ६४. शान्ति का मूल मन्त्र ६५. मातृ भूमि ६६. बूद का मूल्य ६७. वफादारी और ईमानदारी ६८. सहृदयी निराला ६६. दो पैसा का विद्यालय ७०. अहंकार का नाश ७१. पुण्य फल ७२. बुद्धि-बल ७३. दृढ़ संकल्प ७४. आत्म-विश्वास ७५. चमत्कारों का प्रदर्शन न करो ७६. दगुण निकालता हूँ ११५ ११७ ११६ १२१ १२३ १२५ १२६ १२८ १२६ १३१ Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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