Book Title: Bhisshaka Karma Siddhi Author(s): Ramnath Dwivedi Publisher: Ramnath Dwivedi View full book textPage 8
________________ ( ? ) माणु से लेक सेवी श्रेणी के जीनी ४. उत्पादन, संतानता या प्रजनन (Reproduction ) - एक से दो दो से चार, चार से आठ आदि बनने के प्रवृत्ति से बडे जीव में होती है । 'एकोहं बहुस्याम प्रजाय में यह क्रिया विभजन अमेथुनीय परन्तु घंटे जीवों में मेथुनीय होती है। उतना ही नहीं निर्जीव पदार्थो से भी संख्या वृद्धि भंजन या विभाजन के द्वारा होती है अर्थात् निजीवों में भी किसी न किसी प्रकार का पुनरुत्पादन पाया जाता है । इस चिह्न की ओर sfगित करता हुआ प्राचीन आर्यवचन अनुबंध आयु के पर्याय में व्यवहृत हुआ है । जैसा कि ऊपर आये है एक तो लौकि अर्थ में वह जन्मानुवध संतानोत्पादन का बोधक है और विशिष्टा में यह पर्व जन्म का बोधक है । पूर्वापर जन्म सबन्ध का द्योतक है । इसी प्रजनन के आधार पर जातियों का सातत्य ( Continuity of Species) निर्भर करता है । यह जीवन या जीवित का एक प्रमुख लक्षण है । ५. रस संवहन ( Circulaton ) - जीवन का यह भी एक ल लिन है । ६. श्वसन ( Respiration ) -- जीवित द्रव्यों में किसी न किसी प्रकार का श्वसन कर्म तथा रस या रक्त का संवहन पाया जाता है। यह क्रिया स्थावर, जीव, वृक्षादि से लेकर पशु और मनुष्यों से भी समान भाव से चलती रहती है । इस क्रिया का द्योतन आयु के पर्याय रूप में प्राचीनोक्त शब्द 'धारि' से किया मिलता है । जिसका अर्थ होता है- श्वसन एवं रक्तसंवहनादि क्रियाओं के द्वारा प्राण का धारण करना यह आयु का या जीवित पदार्थ का लक्षण है । चेतनानुवृत्ति क्षोभ, या संवेदन ( Irritability ) आयु (Life) के पर्याय में चेतनानुवृत्ति शब्द का प्रयोग हुआ है । इसका अर्थ होता है चेतना या संवेदन की उपस्थिति । जोवित पदार्थ का यह सबसे प्रमुख लक्षण है— किसी बाह्य उत्तेजना की प्रतिक्रिया । उष्ण, शीत, रुक्ष, तीक्ष्ण द्रव्यों के सम्पर्क में आने से जीवित शरीर जब तक उसमें आयु है, उन द्रव्यों के अनुकूल या प्रतिकूल कार्य करेगा । इस चेतना के गुण के फलस्वरूप होनेवाली प्रतिक्रिया में किसी द्रव्य के त्वचा के सम्पर्क में आने पर ही प्रतिक्रिया हो, ऐसी बात नहीं है । क्वचित् दूर से या देखने मात्र से ही प्रतिक्रिया होने लगती है— जैसे कि प्रहारक के द्वारा दण्ड के उठाये जाने मात्र से ही किसी व्यक्ति के कॉप जाने, भागने या उससे,Page Navigation
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