Book Title: Bhavishyadutta Charitram
Author(s): Meghvijay Gani, Mafatlal Zaverchand Gandhi
Publisher: Mafatlal Zaverchand Gandhi

View full book text
Previous | Next

Page 14
________________ प्रथमोऽ भविष्यदत्त चरित्रम धिकार अर्हत्पूजादयादानैः, शीलेन तपसा जपैः / द्वितीयाऽराधिता धत्ते, द्विविधं धर्ममार्हतम् // 6 // पञ्चधा ज्ञानमल्यं, पञ्चाऽऽचारेषु धीरताम् / पञ्चम्येव गतिः पाप्या, पञ्चम्याऽऽराधनान्नृणाम् // 7 // वरदत्तादिसम्बन्धाः, सन्ति यद्यपि भूरयः / भविष्यदत्तसम्बन्धः, पाच्यो वाच्यस्तथाऽप्ययम् // 8 // इहैव जम्बुद्वीपेऽस्ति, क्षेत्र नेत्रमिवाऽवनेः। भारत सारतन्त्राढविषयैः परिभूषितम् // 9 // गुणैर्गुरु कुरुख्याति, दधानं तत्र मण्डलम् / अस्ति स्वस्तिपदं तस्मिन्नगरं हस्तिनापुरम् // 10 // अभिरामद्रुमश्रेणि, वाटिका परिपाटिका / शाटिकावत्पुरी नार्या, भाति शोभाऽतिरेकतः // 11 // अगग्यपण्यनैपुण्य-क्रयविक्रयहेतवे / समागतानां लोकानां, पुरं तत्मियमेलकं // 12 // विमानानां विमानत्वं, यत्राऽर्हच्चैत्यशोभया। विचार्य नार्यो देवानां, स्थिताः पश्चालिकाच्छलात् // 13 // धनैर्धान्यैस्तदाऽऽकीर्ण, न जीर्ण तत्कदाचन / सरामा लक्ष्मणा यत्र, कौशलायामिवोषिताः // 14 // आधप्रभोः पारणाऽभूत्र श्रेयांसकारिता / चक्रभृन्मघवाऽप्यासीत्तथा सनत्कुमारकः // 15 // शान्ति-कुन्युररश्चक्रधरास्तीर्थकरास्त्रयः / अत्राऽभूवन भूवलय-प्रभासम्भारकारणम् // 16 // गङ्गाप्रसङ्गाल्लोकानां माहेश्वर्य प्रतीयते / महाश्चर्यकरं यस्यां, वयस्या या दिवापुरः / / 17 / / तस्यामष्टमतीर्थेशस्तीर्थे सामर्थ्यमीयुषि / भूपालनाम्ना नृपतिः, प्रतिपक्षक्षयंकरः // 18 // प्रतापेन स मार्तण्डः, कीर्त्या राका निशाकरः / न्याये बुधः प्रजाशिक्षा-गुरुर्दीने मरुत्तरुः // 19 //

Loading...

Page Navigation
1 ... 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 ... 170