Book Title: Bharatiya Chintan ki Parampara me Navin Sambhavanae Part 1
Author(s): Radheshyamdhar Dvivedi
Publisher: Sampurnanand Sanskrut Vishvavidyalaya Varanasi

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Page 11
________________ ३१५-३२३ ३२४-३२४ ३२७-३२८ ३२९-३३३ ४९. मानव समता प्रो. राजाराम शास्त्री ५०. आधुनिक युग में समता श्री गणेशसिंह मानव ५१. वैदिकदर्शनदृष्ट्या समतायाः सूचनम् आचार्य पं० सुब्रह्मण्यशास्त्री ५२. भारतीयदर्शनेषु समता आरोहावरोहश्च पं० रघुनाथशर्मा ५३. सामाजिकसमत्वविषये भारतीयदर्शनानि पं० पी० एन० पट्टाभिराम शास्त्री ५४. व्यावहारिकपारमार्थिकदृष्ट्या समता विषमता च आचार्य पं. विश्वनाथशास्त्रीदातार ५५. सामाजिक समता सम्बन्धी संगोष्ठी का विवरण ५६. विद्वानों की सूची ३३४-३४१ ३४२-३४६ २४७-३५७ ३५८-३६० उपर्युक्त निबन्धों में व्यक्त विचारों एवं शोधनिष्कर्ष निबन्ध लेखकों के अपने हैं उनका सम्पूर्ण श्रेय एवं उत्तरदायित्व लेखकों का है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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