Book Title: Bharat ka Bhavishya Author(s): Osho Rajnish Publisher: Osho Rajnish View full book textPage 6
________________ भारत का भविष्य में लोग भूखे मर रहे हैं और करोड़ों लोग भूखे मर जाएंगे। तो उस छोटे बच्चे ने कहा कि क्या उनके पास, अगर रोटी नहीं है तो फल भी नहीं हैं? तो उन्होंने कहा, नहीं, उनके पास फल भी नहीं हैं। तो उस छोटे बच्चे ने कहा, उनके रेफ्रीजेटर में कुछ तो बचा होगा? तो उसके बाप ने कहा कि रेफ्रीजेटर उनके पास है ही नहीं। उसमें बचने का कोई सवाल नहीं है। उस बच्चे को समझना मुश्किल हुआ कि कोई कौम ऐसी हो सकती है जहां खाने को भी न हो। सच में ही स्वीडन के बच्चे को समझना मुश्किल पड़ेगा। उसको मुश्किल इसलिए पड़ जाएगा क्योंकि बच्चा जो देखता है चारों तरफ, न किसी को भीख मांगते देखता है, न किसी को गरीबी में मरते देखता है। तो उसके लिए भरोसा करना मुश्किल है कि जमीन पर ऐसे लोग भी हैं जो करोड़ों की संख्या में भूखे मरने की हालत में आ सकते हैं। अभी एक अमेरिकी अर्थशास्त्री ने किताब लिखी है। उन्नीस सौ सत्तासी और उस किताब में उसने यह घोषणा की है कि उन्नीस सौ सत्तासी में, आज से केवल सात साल बाद, हिंदुस्तान में इतना बड़ा अकाल पड़ सकता है जिसमें कोई दस करोड़ से लेकर बीस करोड़ लोगों के मरने की संभावना है। मैं दिल्ली में एक बहुत बड़े नेता से बात कर रहा था। तो उन्होंने कहा, उन्नीस सौ सत्तासी अभी बहुत दूर है। अभी तो हमें उन्नीस सौ बहत्तर की फिक्र है। उसके बाद देखा जाएगा। अभी सिर्फ उन्नीस सौ बहत्तर में जो इलेक्शन होगा उसकी नेता को फिक्र है। सात साल बाद हिंदुस्तान में दस करोड़ लोग मर सकते हैं। इसकी सारी दुनिया के अर्थशास्त्री राजी हैं इस बात के लिए कि यह होकर रहेगा। क्योंकि अमेरिका जितना हमें भोजन दे रहा है उतना अब आगे नहीं दे पाएगा। उसकी ताकत रोज कम होती जा रही है। अमेरिका में चार किसान जितना काम करते हैं उनमें से एक किसान की सारी ताकत हमें मिल रही है। और अमेरिका की ताकत देने की रोज कम होती चली जाती है। उन्नीस सौ पिचासी के बाद अमेरिका हिंदुस्तान को किसी तरह का अन्न देने में समर्थ नहीं होगा। और हम रोज बच्चे पैदा करते चले जाते हैं। हम सिर्फ एक चीज में बहुत प्रोडक्टिव हैं, हम बच्चे पैदा करने में बहुत उत्पादक हैं। हम बच्चे पैदा करते चले जाते हैं। अगर किसी दिन इस Page 6 of 197 http://www.oshoworld.comPage Navigation
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