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(२१३) भारद्वाज गोत्रिय स्थवीर भद्रयशा से उडुवाटिका नामक गण निकला । उसकी चार शाखायें और
तीन कुल निकले । 5 प्र. अब वे कौन कौन सी शाखायें है ? 3 उ. वे शाखायें इस प्रकारहैं :- 1. चंपिज्जिया, 2. भदिज्जिया, 3. काकंदिका और 4. 卐मेघहलिज्जिया । R प्र. अब वे कौन कौन से कुल हैं ? है उ. कुलों के नाम इस प्रकार से हैं: - 1. भद्रयशिक, 2. भद्रगुप्तिक, 3. यशोभद्र । उडुवाडियगण 卐के ये तीन ही कुल है Q (२१४) कुंडिल गोत्रिय कामिट्टि स्थवीर से यहाँ वेसवाड़िय नाम का गण निकला ।
उसकी ये चार शाखायें और चार कुल निकले है ।
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