Book Title: Barsasutra
Author(s): Dipak Jyoti Jain Sangh Mumbai
Publisher: Dipak Jyoti Jain Sangh Mumbai

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Page 210
________________ 05050000) (२६९) प्र. हरित सूक्ष्म किसे कहते है ? उ. हरित याने ताजा नया उत्पन्न सूक्ष्म से सूक्ष्म चर्म चक्षु से न दिखाई दे वैसा हरित सूक्ष्म । ये हरित सूक्ष्म भी पांच प्रकार का है। वह इस प्रकार से १. काला हरित सूक्ष्म, २. हरा हरित सूक्ष्म, ३. लाल हरित सूक्ष्म, ४. पीला हरित सूक्ष्म और ५. श्वेत हरित सूक्ष्म । ये हरित सूक्ष्म जिस जमीन पर उत्पन्न होते है तो जमीन के रंग जैसा ही उनका रंग होता है। छद्मस्थ साधु-साध्वी को उनको बारंबार जान पहिचान कर त्याग करना चाहिये। (२७०) प्र. अब पुष्प सूक्ष्म किसे कहते है ? उ. पुष्प यानी फुल, ऐसा फूल जिसे चर्म चक्षु से नहीं देखा जा सकता। ये पुष्प सूक्ष्म भी पांच प्रकार के होते है। वे इस प्रकार से १. काला पुष्प सूक्ष्म, २. हरा पुष्प सूक्ष्म, ३. लाल पुष्प सूक्ष्म, ४. पीला पुष्प सूक्ष्म और ५. श्वेत पुष्प सूक्ष्म। जिस पेड़ पर ये उत्पन्न होते है। उस पेड के जैसा ही उनका रंग होता है और अतः छमसथ साधु-साध्वी ऐसों को अच्छी तरह जान पहिचान कर त्याग करना चाहिये। 100-0000001944 204

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