Book Title: Barsasutra
Author(s): Dipak Jyoti Jain Sangh Mumbai
Publisher: Dipak Jyoti Jain Sangh Mumbai

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Page 222
________________ भाषले है, बताते है, प्ररूपणा करते है और 'पज्जोसवणा कप्प' पर्युषण आचार-क्षमा प्रधान आचार नामके अध्ययन न का अर्थ सह, कारण सह, सूत्र सह, सूत्रार्थ सह और स्पष्टीकरण विवेचन सह बांरबार दिखाते है, समझाते हैं। ऐसा मैं कहता हूँ । 1404500 40 4500 40 Maha पज्जोसवणा कप्प (का हिन्दी अनुवाद) समाप्त हुआ । आठवाँ अध्ययन समाप्त हुआ । ।। समाचारी समाप्त ।। 216 14045 14054050120 www.ammaibrary.or

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