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सामाचारी 2 (२२४) उस काल और उस समय में श्रमण भगवान महावीर वर्षा ऋतु के बीश रात सहित एक महीना व्यतीत * होने पर यानी आषाढ़ चौमासा बैठने के पश्चात् पचास दिन बीतने पर पर्युषण पर्व किया है। 5 (२२५) प्र. अब हे पूज्य ! किस कारण से ऐसा कहा जाता है कि वर्षा काल के एक महीना और बीस दिन 0 पर श्रमण भगवान श्री महावीर ने चातुर्मास में पर्युषण किया है। | उ. जिस कारण प्रायः गृहस्थियों के घर सब तरफ से चटाई से ढके हुए होते है, चुने से धवलित होते है, घास विगेरे से आच्छादित किये हुए होते है, गोबर आदि से लीपे हुए होते है, चारों तरफ बाड़ से सुरक्षित किये जाते हैं, विषम भूमि को खोदकर सम किये जाते हैं, पत्थर के टुकडों कोइ घिसकर कोमल किये जाते है, सुगन्धित किये हुए होते हैं, परनाला रूप पानी जाने के मार्ग वाले किये हुए होते हैं तथा नालियाँ खुदवाई हुई
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