Book Title: Barsasutra
Author(s): Dipak Jyoti Jain Sangh Mumbai
Publisher: Dipak Jyoti Jain Sangh Mumbai

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Page 188
________________ 40 500 40 4500 40 4500 40 Hhh स्थवीर प्रियग्रन्थ से मध्यम शाखा निकली । काशपगोत्रिय स्थवीर विद्याधर गोपाल से विद्याधरी शाखा निकली। (२१८) काश्यप गोत्रिय स्थवीर आर्य इन्द्र के गोतम गोत्रिय स्थवीर अज्जदिन्न अन्ते वासी थे । गौतम गोत्रिय स्थवीर अज्जदिन्न के ये दो स्थवीर पुत्र समान प्रसिद्ध शिष्य थे । स्थवीर माढर गोत्रिय आर्य शान्ति सेणिअ और जाति स्मरण ज्ञान वाले कौशिक गोत्रिय स्थवीर आर्य सिंहगिरि । माटर गोत्रिय स्थविर आर्य शांति सेणिअ से यहाँ उच्चनागरी शाखा निकली । (२१९) माढर गोत्रिय स्थविर आर्य शांतिसेणिअ के ये चार स्थविर पुत्र के समान प्रसिद्ध शिष्य थे । 1. स्थविर आर्य सेणिय, 2. स्थविर आर्य तापस, 3. स्थविर आर्य कुबेर और 4. स्थविर आर्य ऋषिपालित । स्थविर अज्जसेणिअ से अज्जसेणिया शाखा निकली । स्थविर आर्य ताप से आर्य पालित तापसी शाखा निकली स्थविर आर्य कुबेर से आर्य कुबेरी शाखा निकली। स्थविर आर्य ऋषिपालित से आर्य ऋषिपालिता शाखा Jain Education International sonal Use Only 182 40 500 40 500 40 500 40

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