Book Title: Apbhramsa Ek Parichaya
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

View full book text
Previous | Next

Page 6
________________ आरम्भिक प्रकाशकीय पहला अध्याय - अपभ्रंश : उसके कवि और काव्य अपभ्रंश की भूमिका अपभ्रंश का स्वरूप व विकास अपभ्रंश साहित्य की खोज व उसका क्षेत्र अपभ्रंश साहित्य का वर्गीकरण (i) जैनों की अपभ्रंश रचनाएँ स्वयंभू एवं उनकी रचनाएँ पुष्पदंत एवं उनकी रचनाएँ धनपाल एवं उनकी रचना विषय-सूची वीर एवं उनकी रचना नयनंदि एवं उनकी रचनाएँ कनकामर एवं उनकी रचना हेमचन्द्र एवं उनकी रचनाएँ हरिदेव एवं उनकी रचना रइथू एवं उनकी रचनाएँ (ii) बौद्धों की अपभ्रंश रचनाएँ सरहपा कण्हपा (iii) शैवों की अपभ्रंश रचनाएँ (iv) ऐहिकतापरक अपभ्रंश रचनाएँ दूसरा अध्याय - परवर्ती अपभ्रंश प्राकृत पैंगलम् सिरिथूलभद्द - फागु नेमीनाथ चउपई उक्तिव्यक्ति प्रकरण Jain Education International (v) For Private & Personal Use Only पृष्ठ संख्या 1-31 1 2 4 7 7 8 10 13 14 17 18 19 20 21 23 24 24 25 25 33-40 34 34 35 35 www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 68