Book Title: Apbhramsa Ek Parichaya
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 42
________________ 80. रइधू ग्रन्थावली, भाग 1, सम्पादक : डॉ. राजाराम जैन, भूमिका,1975, जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सोलापुर, पृ. 7 81. वही, पृ. 4 82. अपभ्रंश साहित्य, प्रो. हरिवंश कोछड़, पृ. 300 से 305, 1957, भारती साहित्य मन्दिर, दिल्ली। 83. वही, पृ. 308 84. वही, पृ. 313 85. वही, पृ. 318 86. प्राकृत और अपभ्रंश साहित्य तथा उनका हिन्दी साहित्य पर प्रभाव, डॉ. रामसिंह तोमर, पृ. 183, हिन्दी परिषद, प्रयाग विश्वविद्यालय, प्रयाग। 87. वही, पृ. 185 88. वही, पृ. 188 89. अपभ्रंश और अवहट्ट : एक अन्तर्यात्रा, डॉ. शम्भूनाथ पाण्डेय, पृ. 115, चौखम्भा ओरियन्टालिया, वाराणसी। 90. वही, पृ. 116 91. वही, पृ. 116 92. संदेश-रासक में शृंगार-व्यंजना, डॉ. इन्द्रबहादुर सिंह, पृ. 38, अपभ्रंश भारती, अंक 5-6, अपभ्रंश साहित्य अकादमी, जयपुर। 93. वही, पृ. 38 94. वही, पृ. 38 अपभ्रंश : उसके कवि और काव्य 31 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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