Book Title: Apbhramsa Ek Parichaya
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 66
________________ 11. प्रौढ़ अपभ्रंश रचना सौरभ, डॉ. कमलचन्द सोगाणी, 1997, भाग-1 अपभ्रंश साहित्य अकादमी, जैनविद्या संस्थान, दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्रीमहावीरजी, जयपुर 12. भारतीय आर्य भाषाओं का श्री जगदीशप्रसाद कौशिक, 1969, इतिहास अपोलो प्रकाशन, सवाई मानसिंह हाइवे, जयपुर-3 13. महाकवि पुष्पदन्त डॉ. राजनारायण पांडेय, 1968, चिन्मय प्रकाशन, चौड़ा रास्ता, जयपुर-3 14. महाकवि स्वयंभू डॉ. संकटाप्रसाद उपाध्याय, 1969, भारत प्रकाशन मंदिर, अलीगढ़ 15. हिन्दी के आदिकालीन रास डॉ. त्रिलोकीनाथ 'प्रेमी', 1993, और रासक काव्यरूप शिखर प्रकाशन, नई दिल्ली 16. हिन्दी के विकास में अपभ्रंश डॉ. नामवर सिंह, 1952, का योग लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद-1 17. हिन्दी काव्यधारा राहुल सांकृत्यायन, 1945, किताब महल, इलाहाबाद 18. हिन्दी साहित्य : उद्भव और डॉ. हजारीप्रसाद द्विवेदी, 1952, विकास राजकमल प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, 1बी, नेताजी सुभाष मार्ग, नई दिल्ली - 110002 19. हिन्दी साहित्य का डॉ. हजारीप्रसाद द्विवेदी, 1952, - आदिकाल बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्, सम्मेलन भवन, पटना-3 20. हिन्दी साहित्य का इतिहास । संपादक - डॉ. नगेन्द्र, 1988, नेशनल पब्लिशिंग हाउस, 23, दरियागंज, नई दिल्ली - 110002 अपभ्रंश : एक परिचय 55 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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