Book Title: Anuttar Yogi Tirthankar Mahavir Part 02
Author(s): Virendrakumar Jain
Publisher: Veer Nirvan Granth Prakashan Samiti

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Page 5
________________ विराजमान चरणों में : वर्तमान में चाँदनपुर में जीवन्त त्रैलोक्येश्वर श्री महावीर प्रभु के विश्वधर्म के अधुनातन पूज्य मुनीश्वर श्री विद्यानन्द स्वामी के सारस्वत कर-कमलों मंत्र - द्रष्टा में चिरंजीवी ज्योतीन और सौभाग्यवती यूता को उनके अन्तर- राष्ट्रीय विवाह ( १५ अगस्त, १९७५) उपलक्ष्ये : इस कारण कि कालिदास की शकुन्तला, गोइथे की कविता में सौन्दर्य-स्नान करके हमारे घर सरस्वती होकर लौट आयी : जर्मन कन्या यूता Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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