________________ अनुत्तर योगी: तीर्थंकर महावीर चार खण्डों में 1500 पृष्ठ-व्यापी महाकाव्यात्मक उपन्यास प्रथम खण्ड: वैशाली का विद्रोही राजपुत्र : कुमार काल द्वितीय खण्ड : असिधारा-पथ का यात्री : साधना-तपस्या काल तृतीय खण्ड : तीर्थंकर का धर्म चक्र प्रवर्तन : तीर्थंकर काल चतुर्थ खण्ड: अनन्तपुर की जय-यात्रा (शीघ्र प्रकाश्य) मूल्य : प्रत्येक खण्ड का मूल्य रु. 30) चारों खण्डों का अग्रिम मूल्य 100) व डाक खर्च पृथक / प्रकाशक: श्री वीर निर्वाण ग्रन्थ प्रकाशन-समिति 48, सीतलामाता बाजार, इन्दौर-२ (म. प्र.) Jaducalona international For Personal and Private Use Only swww.jainelibrary.org