Book Title: Anusandhan 2018 11 SrNo 75 01
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
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अनुसन्धान-७५ (१ )
आज्ञा, शिस्त अने मर्यादाना पालननी पद्धतिने कारणे, मनमां उद्भवती रचनात्मक इच्छा हुं तेमनी समक्ष पेश करूं के तरत तेने संमति मळती. ते माटेनी गोठवणो पण करी आपता. एटले ज्यारे भायाणीसाहेबे सूचवेली 'अनुसन्धान' पत्रिका प्रकाशित करवानी दरखास्त में तेओ आगळ रजू करी, तेमणे तत्क्षण तेने वधावी, राजीपो दर्शावी अनुमति आपी, अने ट्रस्टनी ते दिवसोमां आर्थिक सम्पन्नता न होवा छतां तेने माटे नचित रहेवानुं जणाव्युं. आम, 'अनुसन्धान' तेना आरम्भ आज सुधी डगमग्या वगर - अस्खलित रीते चाल्युं छे, चाले छे, तेमां मारा गुरुनो आ अनुग्रह हेतु छे - एवं, अतिशयोक्ति वगर कहेवुं जोईए.
हवे भायाणी साहेबनी वात करुं. हेम-नवम - शताब्दी - पर्वे साहित्य परिषदे प्रगट करेली, सुरेश दलाल- निर्मित डायरी मने मोकलीने तेवी हेम-डायरी बनाववा तेणे मने उकेर्यो - त्यारथी तेमनो सत्सङ्ग १९९३मां अपभ्रंश शीखवाना बहाने तेमनो विशेष सत्सङ्ग माण्यो. मने श्रद्धा हती के मने अपभ्रंश आवडवानुं नथी, छतां ते शीखवाना बहाने भायाणीजीनो २-३ कलाकनो समागम मळतो होय तो भणवानो ने आवडवानो डोळ करवामां कांई खोटुं नहि एवा खयालातो ते दिवसोमां हता. सप्ताहमां ३ के ४ दहाडा अमे बेसता. दरेक बेठक २-३ कलाकनी. अलकमलकनी पण सात्त्विक ने साहित्यिक वातो तेओ लावे- बोले. तेमनी सामाने समजाववानी ने नवं नवं जणाववानी धगश एक मुग्ध तरुणने शोभे तेवी. तेमनुं खिलखिलाट स्मित ने खडखडाट हास्य, अने क्यारेक 'मन्यु' थी रातोचोळ बनी जतो चहेरो बधुं मन भरीने त्यारे माण्युं. एवी एक बेठकमां तेणे प्राकृतअपभ्रंश-संस्कृत भाषाना साहित्यमां जे काम थयुं छे, थाय छे, ते बधांनी माहिती न मळवाने कारणे घणा गुंचवाडा थाय छे, अने केटलांक कामो बेवडाय छे. आ माटे अक सामयिक पत्रिकारूपे प्रगट करवुं छे, परन्तु तेनी आर्थिक व्यवस्थानो प्रश्न अघरो छे, एवी वात करी. मने तेमनी वातमां रस पड्यो. तेमना मनमां आवी पत्रिका विषे जे रूपरेखा होय ते विगते समजवा यत्न कर्यो, अने में, 'मारा गुरुजी मारी आ दरखास्त स्वीकारशे ज' एवा विश्वास साथे, तेवी पत्रिका 'हेमचन्द्राचार्य ट्रस्ट' करशे तेवो विश्वास तेमने आप्यो. तेमणे 'अनुसन्धान' नाम नक्की कर्यु. प्रारम्भिक सघळं आयोजन तेओए करवानुं ठर्यु. अने १९९३मां आ सामयिक शरु थयुं.

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