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अनुसन्धान-६० : विज्ञप्तिपत्र-विशेषाङ्क - खण्ड १ दो विभागों में बाँटा गया है । इसमें कालिक के अन्तर्गत ३१ ग्रन्थ और उत्कालिक के अन्तर्गत २९ ग्रन्थ हैं । इस प्रकार नन्दीसूत्र में १२ अंगप्रविष्ट, ६ आवश्यक, ३१ कालिक और २९ उत्कालिक, कुल ७८ ग्रन्थ उल्लेखित हैं, इनमें से कुछ वर्तमान में अनुपलब्ध भी हैं । पूर्ण सूची इस प्रकार है
- श्रुत (आगम) - साहित्य
(क) अंगप्रविष्ट
. . (ख) अंगबाह्य १. आचाराङ्ग २. सूत्रकृताङ्ग ३. स्थानाङ्ग
(क) आवश्यक (ख) आवश्यक ४. समवायाङ्ग १. सामायिक
व्यतिरिक्त ५. व्याख्याप्रज्ञप्ति २. चतुर्विंशतिस्तव (भगवती)
३. वन्दना ६. ज्ञाताधर्मकथा
४. प्रतिक्रमण ७. उपासकदशाङ्ग ५. कायोत्सर्ग ८. अन्तकृद्दशाङ्ग
६. प्रत्याख्यान ९. अनुत्तरौपपातिकदशाङ्ग १०. प्रश्नव्याकरण ११. विपाकसूत्र १२. दृष्टिवाद (क) कालिक
(ख) उत्कालिक उत्तराध्ययन
१. दशवैकालिक दशाश्रुतस्कन्ध
कल्पिकाकल्पिक कल्प
चुल्लककल्पश्रुत ४. व्यवहार
महाकल्पश्रुत निशीथ
महानिशीथ महानिशीथ
राजप्रश्नीय ७. ऋषिभाषित
७. जीवाभिगम
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