Book Title: Anusandhan 2013 03 SrNo 60
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 242
________________ अनुसन्धान - ६० : विज्ञप्तिपत्र - विशेषाङ्क - खण्ड १ करवामां आवशे. उपरान्त भारतना कोई पण खूणे पूज्य आचार्य भगवन्त आदि मुनिभगवन्तोने हस्तप्रतोनी माहिती मळी रहे तेवी व्यवस्था करवामां आवशे जेथी तेमनुं संशोधन कार्य निराबाधपणे चालतुं रहे. २२२ अमारा सद्भाग्ये आ कार्य माटे अमने पूज्य आचार्य भगवंत श्री विजयमुनिचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. तथा पूज्य मुनि श्री वैराग्यरतिविजयजी म. सा. नुं महामूलुं मार्गदर्शन मळी रधुं छे. आपना तरफथी ओक ज सहकारनी अपेक्षा छे के आ कार्य मा आप अपने आशीर्वाद आपो तथा आपनी आज्ञा हेठळना हस्तलिखित ज्ञानभण्डारोनी सूचि अमने प्राप्त करावो. अमने विश्वास छे के आप आमां जरूर सहयोग आपशो. आपना सहयोगनी नोंध पण लेवामां आवशे. Jain Education International - पत्रव्यवहार माटे सम्पर्क : भरत शाह ३०१, सुचिर अपार्टमेन्ट, बी.एम.सी. कॉलेज रोड, बी.एम.सी. कॉलेज के सामने, पुणे - ४११००४ मो. ९८५००९४०२४ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 240 241 242 243 244