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अमृतसागर तथा प्रतापसागर तरंग स्त्रीधर्महोनांरुधिर वडाकष्टछोडे आगनें लीयांतीनेंउदावर्त्तजोनी कहीजै। रजोस्त्री स्त्रीधर्महोयनहीतीनेंबंध्यायोनिक हिजै २ अर जींकीयोनिमैंनित्यहीपीडार हैतानविताजोनिकहिजै ३ रजीस्त्री कैस्त्रीधर्महातांयणीपीडहोय तीनपरिमाजोनिकहिजे ४ अरजी की जोनि कठोर होय अरजोनिमैंलचालै जीनेचालनजोनिकहीजे ५ अरजी की जो निमैंदाहरहे अरलोहीनीसर बोकरे तीनें लोहितक्ष राजोनिकहीजे & परजीकीजोनीस्त्रववोकरै यरकुपितर है तीनें दुःप्रजाविनीजोनिकहीजै दुःप्रजाविनीनांमवेंजोनिमैं संतान दोहशहोय ७ श्ररजींस्त्रीकीयोनिमेंपचनसंयुक्तवीर्यनीसरे रुथिरनेंलीयां तवामिनीजनकहीजे -अरजीस्त्रीगर्भरहिरहिजाय परपाछैजातोरहैतीपुत्रजोनिकहीजे ९ अरजीकीजोनिमेंदा हघोर है अरपकिजाय शरीरमैजुर रहे तपित्तलायोनिकहीजे १० अरजी की जोनि मैथुनमैसंतोषकुंनहींप्राप्तहोय तीनें त्यानंदा जोनिकहीजै ११ अरजी की जोनिक फूलकै आकार होय पर वें मॅकफलोहीनीसर बोकरैनीनेंकर्णीनीजोनिकहिजे १२ अरजींजो निर्मैवीर्यरहैनहींतीनेंचनचरणाजोनिकहिजै १५ अरजीस्त्रीकै निपटछोटास्तन होय तीनी योनि कहीजे १६ अरजांकीजो निषंडितहोय अरमैथुनकरतां क्यूंनींचे लटकावे तीनेषंडाजो निकहिजै १७ अरजां काजोनिको छिंद्रसूक्ष्महोय तीनेंडनीजो निकहीजे १८ अरजी कोमूंढोवमोहोय तीनैं महाजोनिविवृत्ताक हिजै १९ अरजीको मूंटोसुईसिरी सोहोयती सूची वक्राजोनिकही जै २० अथजोनिकंदरोगकी उसत्तिलि० दिनकासोवासूं तिकोधकाकरिवासूं वेदसूं पतिमैथुन काकरि वासूं जोनिऊपरि
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