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अमृतसागर तथा प्रतापसागर तरंग २० पणौंजाय ४ अथवांऊस्त्रीकेपुत्रहोवाकोजननलि० घरेंटी गंगेरेशकी छाल महुवो वडकाअंकूर नागकेसर बराबरि ले त्यांनेमिहीवाट गऊंकाइधमैं सहननांषिटंक५ ईचूर्णनेंरो जीनांदिन १५पीवेतौ वंध्यास्त्री कै निश्वैपुत्रहोय ५ यथस्त्री स्त्री धर्म नहीं होयतीको जतनलि० काळातिल सूंठ मिरचि पीपलि भाडंगी गुड यांसारांनैटंक १।भर ओटायकोकाटोकरिदिन १५.पीवैतौचास्त्रास्त्रीधर्मनिश्चैहोय अर वेंका रुधिर कोगुल्मइरि होय परवेंकैपुत्रहोय ६ अथवा असगंधकाकाढामैं गडको धन्प्ररगऊकौघृतमिलायरितुकैसमैंस्वी परभातदिन ५पीवैतौ स्त्रीगर्भधारे ७ अथवा सुपेदकव्यालीकीजडपुष्यनक्षत्रकेंदि नउपाडीहोयतीनेंटंक २।। मिहींवांटिदूध की साथिरितुर्केसमैं दिन ३ स्त्रीपीवैतोत्री निश्चैगर्भधारे अथवा कटसेलाकीज ड धावड्या वडकात्र्अंकूर कमलगट्टा यांनामहीयांटिक शारि तुकैसमैंस्त्रीपीवैनौनिश्चैस्त्री गर्भनेंधारे ९ प्रथवा पार्श्वपीपल काजड अथवा काबीज परसुपेदजीरो परसरपंषायेवराव रिलै यानमिहीनांटिक ॥ रितुकैसमैस्त्राहूध की साथिलेनोवेस्त्री कै कगर्भरहै निश्वे हावें के पुत्रहोय १० अथवा जोस्त्रीगर्भवती होय वास्त्रीछलकायेकेक १ पान गऊ का दूधकीसाथिपीवैतौ निश्ही वैकै पराक्रमी पुत्रहोय ११ अथवा बाराही कंद परकम म परशिवलिंगी यांनेंमिहींवांटिरितुकैसमैंटक २॥ दूध के साथि जोस्त्रीलेतोवेंकैनिश्वैपुत्रहोय १२ येसर्वजतनभावप्रकाश में छै अथवा विजोशकाबीजांनें गऊकाइध मेंसिजावै पाछैयांमैगऊ कोघृतमिलाय अरबराबरिनागकेसरिमिला रितु कैंसमेंटक
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