Book Title: Ahimsa Vyakti aur Samaj
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 10
________________ १३६ युद्ध का समाधान : अहिंसा १३२ आचार्य तुलसी अणुव्रत : गति-प्रगति अणुबम नहीं अणुव्रत चाहिए आचार्य तुलसी क्या धर्म बुद्धिगम्य है ? एटमी युद्ध टालने की दिशा में पहला प्रयास १३८ आचार्य तुलसी कुहासे में उगता सूरज समाज और अपरिग्रह व्यक्ति और समाज युवाचार्य महाप्रज्ञ, सत्य की खोज : अनेकांत के आलोक में स्वस्थ समाज-रचना का संकल्प युवाचार्य महाप्रज्ञ जीवन-विज्ञान समाज-रचना के आधार आचार्य तुलसी अणुव्रत : गति-प्रगति समाजवाद और अहिंसा १७३ आचार्य तुलसी अणुव्रत : गति-प्रगति शोषण-विहीन समाज-रचना | आचार्य तुलसी अणुव्रत के आलोक में सामाजिक क्रांति और उसका स्वरूप ___ आचार्य तुलसी, अनैतिकता की धूप : अणुव्रत की छतरी अणुव्रत प्रेरित समाज-रचना आचार्य तुलसी अणुव्रत के आलोक में शोषण-मुक्त समूह-चेतना १७५ आचार्य तुलसी अणुव्रत : गति-प्रगति समाजवादी व्यवस्था और हिंसा का अल्पीकरण आचार्य तुलसी अणुव्रत : गति प्रगति समाजवादी व्यवस्था और परिग्रह का अल्पीकरण १८२ आचार्य तुलसी अणुव्रत : गति-प्रगति आवश्यकताओं पर नियन्त्रण ही समाजवाद की नींव १८६ जयप्रकाश नारायण समाजवाद से सर्वोदय की ओर समूह चेतना का विकास कुहासे में उगता सूरज अर्थ-व्यवस्था के सूत्र १६५ युवाचार्य महाप्रज्ञ समाज व्यवस्था के सूत्र अर्थतंत्र और नैतिकता २०० आचार्य तुलसी, अनैतिकता की धूप : अणुव्रत की छतरी १७२ २ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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