Book Title: Agamoddharak Kruti Sandohasya Part 07 Author(s): Manikyasagarsuri Publisher: Mithabhai Kalyanchandji Pedhi View full book textPage 4
________________ In शुद्धिपत्रकम् 1. // 4 // पृष्ठम् पक्तिः अशुद्धम् 4 दम्यु० 4 12 भासं मं ०कयो पञ्चधनु० पज्जत रूढीतः 'पञ्चन्द्रि० प्रशप बन्धंन्ति दोल. कथश्चि० तिथि चारत्रा० प्रेशम नोण परिहणीया दीर्ध: दर्दुनयेति पृष्ठम् पक्तिः अशुद्वम् 19 17 रगृहननि० 20. 21 निग्रन्थ 22 17 चर० नाभप्य अज० 27 21 श्रेष्ठ्या० युक्तम स्त्रियां सिद्धव नेका० 35 21 धन्या . 38 11 त:-पह काय तत्था सञ्झा कस्सव न्धी नित्थ० शुद्धम् ' दं यु. भासंतो पावं कम्म कलक्षयो. पञ्चशतधनु० पज्जत रूढितः पश्चेन्द्रि० प्रशाप बध्नन्ति! दौल कथाश्चि तीर्थ चरित्रा० प्रशमरति णो णं परिहरणीया दीर्घ . दुर्दुरतयेति शुद्धम् रनिगूहन निर्ग्रन्थ चार० नामप्य अज्ज श्रेष्ठ्या० युक्ततम स्त्रिया सिद्धव 0 . नेका धान्या० त्-पहः 11 12 कार्य H45 तथ्या० सम्झा कस्यैव न्धः नित्थं० P.P. Ac Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak TrustPage Navigation
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