Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Jambuddivpannatti Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 327
________________ अंतरणई-अंतोमुहुत्त ८११ चं १० सू ११५ उ ११२,३; ५।२०,४०,४१ अंतरणई (अन्तर्नदी) ज ४।२१२; ५१५५ अंतरदीव (अन्तर्वीप) ११२६ ६।१४ अंतरदीवग (अन्तपिज, द्वीपक) प १८५,८६; ६७२, ८१,६७,१०८; १७१७२, २११७२ अंतरदीवय (अन्तर्वीपज, 'द्वीपक) प ११८४,८६; ६७६; १७११६२, २११५४ अंतरवीहिय (अन्तर्वाथिक) ज ३१७ अंतराइय (आन्तरायिक) प २२॥२८; २३३१, ८,१२,२३,२४,५९,१३३,१५४,१५६,१६३, १६६,१७५ १५६,१६०,२०२; २४११; २५॥१, ३; २६११,७; २७।१,४ अंतरापह (अन्तरापथ) प १६।२२ अंतराय (अन्तराय) प २४११५ अंतरावास (अन्तरावास) उ १३१००,१२६,१३३ अंतरिय (अन्तरित) ज ३३१८,३१६५,९६,१५६, १६०,१८० उ १११३४; ३३१४,८३,१२०, १६१, ४१२४ अंतरिया (अन्तरिका) सू १६२२।३० अंतलिक्ख (अन्तरिक्ष) ज ३११४,२६,३०,३६, ४३,४७,५१,५६,६०,६४,६८,७२,११३,१३६, १३८,१४०,१४५ १४६,१७२ उ ३१६६ अंतवाल (अन्तपाल) ज ३१२६,३६,४७,११३ अंतिय (अन्तिक) प ३४११६,२१ ज ३६,८,१३, ७७,८४,६१,१०७,११३ से ११५,१२५, १३८,१५३,१६६ ५१२२,२३,२६ से २८७३ उ १२१,२३,३७,४१,४५,८८,११५ ११७, ११६,१२१,१२६; २११०,१२; ३।१३,१४, २६,५०,५५,५७,६५,६९,७२,७५,७६,१०३, १०४,१०६ से १०८,११२,११८,१३४,१३६, १३८,१३६,१४८,१५०,१६१,१६६; ४११४, १६,२०,२८, ५१२८,३२,३६,४१,४३ अंतियाओ (अन्तिकतस्) उ ३।११० अंतेउर (अन्तःपुर) ज २१६४; ३।२२४; १५, ७ उ १।१६,६३,९७,६८,१०५ से १०७,११६ अंतेवासि (अन्तेवासिन्) ज ११५, २।८२,८३ अंतो (अन्तर् ) प ११७४,९४; २१७,२० से २७, २६ से ३५,४१,४८; २३।११,१२६,१७७, १८२,१८६,१६०; ३३१२७ से २६ ज १।१३,१४,३१,३६, ३६८; ४११,४६, ५०,११४,११७,१३१,२३४,२४०; ५।३२; ७।३१,३३,५५,१६८११ सू ४३,४,६,७, १६।२२।१५,२१, १९२३२०१७ अंतोमुहत्त (अन्तमहत) प ४२,३,५,६,८,९,११, १२,१४,१५,१७,१८,२०,२१,२३,२४,२६, २७,२६,३०,३२,३३,३५,३६,३८,३६,४१,४२, ४४,४५,४७,४८,५०,५१,५३,५४,५६ से ६७, ६६ से १६४,१६६,१६७,१६६,१७०,१७२, १७३,१७५,१७६,१७८,१७६,१८१,१८२, १-४१८५,१८७,१८८,१६०,१६१,१६३, १६४,१६६,१६७,१६६,२००,२०२,२०३, २०५,२०६,२०८,२०६,२११,२१२,२१४, २१५,२१७,२१८,२२०,२२१,२२३,२२४, २२६,२२७,२२६,२३०,२३२,२३३,२३५, २३६,२३८,२३६,२४१,२४२,२४४,२४५, २४७,२४०,२५०,२५१.२५३,२५४,२५६, २५७,२५६,२६०,२६२,२६३,२६५,२६६, २६८,२६६,२७१,२७२,२७४,२७५,२७१, २७८,२८०,२८१,२८३,२८४,२८६,२८७, २८६,२६०,२६२,२६३,२६५,२६६,२६८, २६६६२०,२१:१८।३,४,८,९,१०,१२, १४ से १६.१८ से २४,२६ से २८,३० से ३६,४१ से ५४,५६,५७,५६,६१,६३ से ६७, ६६ से ७४,७६ से ७६,८३,८५,६०,६१,६३, ६६,१०३ से १०५,१०७,१०८,११०,११३, ११४,११६,११७,११६,१२०,२०१६३; २३३६०,६२,६५,६७,७२,७८,७६,१३३,१४७, १५८,१६२,१६५,१६६,१७०,१३६,१८४; २८१४७,५०, ३६०६१,७६ जं २१८४,१२३, १२८,१४८,१५१; ४११०१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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