Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Jambuddivpannatti Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 543
________________ यहाणी -कहिर रायहाणी (राजधानी) प ११७४ ज १११६,४५, ४६,५१ ; २।२२,६५; ३।१, २, ७, ८, १४, १७२. १७३, १८०,१५२ से १८५, १६१, १६२,२०४, २०८,२०६,२१२,२२०, २२१,२२४, ४५२, ५३,६०,८४,६६,१०६,११४ से ११७,१५६, १६०,१६३ से १६५, १७४, १७५, १७७१८०, १८१,१६२,२००,२०२,२०४, २०६, २०७, २०८,२१०,२१२,२२६ से २३३,२३७ से २३६, २६३, २६६, २६६२७२,२७५ ५१५०; ६।१६,७११८४,१८५ उ ३।१०१ रायाभिसेय (राज्याभिषेक) ज २२८५ ३३१८८, २०६,२१२,२१४ उ १२६५,६८,७२ रायारिह ( राजार्ह ) ज ३३८१ राग ( रालक) प ११४५।२ ज २।३७३।११६ दक्षिण भारत के जंगलों में मिलने वाला एक सदावहार पेड़ / राव (रावय्) रावेंति ज ५।५७ रावत (रावयत् ) ज ३११७८ रासि (राशि) प २२६४११६; १२ ३२ १७११२६ राहु ( राहु ) प २४८ सू २०१२, ८, २०१८१४ राहुम्म ( राहुकर्म ) सू २०१२ राहुदेव ( राहुदेव) सू २०/२ राहुविमाण (राहुविमान ) सू १६ । २२ १७ ; २०१२ रिध्वे (ऋजुर्वेद) उ३१२८ रिक्ख (ऋक्ष ) ज ३६, १७,२१,३४, १७७,२२२ सू १५/३७; १९ २२ २६ रिगिसिगि (दे० ) ज ३।३१ वाद्य विशेष रिट्ठ ( रिष्ट) ज ३१६२५।५,७, २१ रिट्ठपुर (रिष्टपुरा ) ज ४१२०० | १ रिट्ठा (रिटा ) ज ४२००११ रिट्ठामय ( रिष्टमय ) ज ४।७, २६ रिद्ध (ऋद्ध ) ज ११२, २६:३१ चं ६ सु ११ उ १११, ६, २८, ३३१५७५।२४ रिसह ( कृाभ ) ज ७३१२२।३ सु १०८४१३ रुइल ( रुचिर ) प २०४८ ज २११५३।३५४(४६; Jain Education International १०२७ ७१७८ रुंद (दे० ) ज ७ ३२ १ रुक्ख ( रूक्ष ) प १।३३।१,११३४,३६,४७११; १७ १११ ज २१२०,३१,१३१,१४४ से १४६; ३१३२,१०६,१२६ उ ५ ।५ raiहालय ( रूक्षगेहालय ) ज २१९, २१ रुक्खमूल (रुक्षमूल ) प ११४८६१ ज २८, ६ बहुल ( रूक्षबहुल) ज १११८ रुक्मूलिय ( रूक्ष मूलिक) उ३।५० रुट्ठ (रुप्ट) ज ३।२६,३६,४७,१०७, १०६,१३३ उ १२२,१४० रुद्द (रुद्र) ज ७ १३०,१८६।३ रुदेवया ( रुद्रदेवता ) सु १०/८३ रूप्प (रूप्य ) प १ २०११ ज ३११६७८ उ ३ ॥४० रूप्पकला ( रूप्यकला ) ज ४ २६८,२६६।१,२७२; ६/२० रुपपट्ट (रूप्यपट्ट) ज ४।२६, २७० रुपमणिमय (रूप्यमणिमय ) ज ५।५५ रुष्पमय (रूप्यमय ) ज ४।२६ ; ५३५५ रुप्पामय (रूप्यमय ) ज ३।२०६४।२७० रुप्पि ( रुक्मिन् ) प १६३० ज ४।२६५,२६८, २६६ १,२७०,२७१ सू २०१८, २०१८१३ रुपिणी ( रुक्मिणी) उ ५ १० रूप्पोभास (रूप्यावभास) सू २०१८ रुग ( रुचक ) प २ ३१ ज ११२३,२११५३।३२; ४११,६२,८६,२३८५८ से १७ सू१६।३५ कूड ( रुचककूट) ज ४९६, २३६ रुगवर ( रुचकवर ) सू १९१३५ रुयगवरोद ( रुचकवरोद ) सू १९१३५ रुययवरोभास ( रुचकवरावभास) सू १६।३५ रुयय ( रुचक ) प १ २०१३ सू १९३२ से ३४ रुरु ( रुरु) प १२४८२ ज १३७, २३५, १०१; ४१२७५२८ रुहिर ( रुधिर ) प २२० से २७ ज ३।३१ १४४ से ४६ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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