Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Jambuddivpannatti Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 432
________________ ६१६ १३१,१५६ जीवितकरण ( जीवितान्तकरण ) ज ३१२४ जीवियारिह ( जीवितार्ह ) ज ३१६ जोहा ( जिह्वा ) प २१३११५। ७७,८१,८२ ज २११५; ३११०६७ १७८ जुइ ( द्युति ) प २ । ३१ ज ३३१२,७८,८८,६२,११६, १२६,१८० ५१२२,२६ जुंज (युज्) जुंजइ ३६८६,८७,८६,६० जुजति प ३६।८६ से १० सू १५।१० जुंजमाण ( युञ्जान ) प ३६८७,८ से १ जुंजिता ( युक्त्वा ) सू १५।१० जुग ( युग ) ज २४, ६, १४१ से १४५; ३।३, ११५, ६ १ ८ १ ; १०११२२,१२३,१२७, १२१६; १३३; १५१३५ से ३७ ११६,१२२,१२४,७१२७ तरभूमि ( युगान्तकरभूमि ) ज २१८४ जुगप्पत्त ( युगप्राप्त) सु १२८ जुगमच्छ ( युगमत्स्य ) प ११५६ जुगव ( युगपत् ) प ३६ ६२ ज ५१५ जुगसंच्छर ( युगसंवत्सर) ज ७।१०३, १०५, ११० सू १०।१२५, १२७ जुग्ग ( युग्य) ज २।१२,३३ जुज्झसज्ज ( युद्धसज्ज ) उ १।१२७,१२८,१३३ जुज्झ ( युध् ) जुज्भंति उ ११३६ जुज्झह उ १११२६ जुज्झामो उ १।१२८ जुज्झित्था उ १११२७ जुण्णकुमारी ( जीर्णकुमारी) उ ४१६ जुष्णा ( जीर्णा ) उ४| जुति (द्युति) प २३३०,३१,४१,४६ ज ५।२०६ जुत्त ( युक्त) ज २।१५ ३।३,३५,७७, ६५, १०६, १३८,१५६,२११, ४१२७ ५२८ ५८७११४१ से १४४,१५० से १५२,१७८ सू १०।२० से २२,२५,१७२,१७३, १६२२१२७; २०१७ उ १।१७,११६,१२८ जुति (युक्ति) ज ३।२०६ जुति (युक्ति, द्युति) उ५१२।१ जुद्धणी ( युद्धनीति) ज ३११६७१६, १७८ Jain Education International जीवित करण-जो इस जुद्धसज्ज ( युद्धसज्ज ) उ ११११५ से ११७ जुम्ह ( युष्मत् ) सू १६ उ ११२२,३२६, ४१११ जय (ग) ज ७।११० जयगद्ध ( युगन ) सू १२ १२६ जुयल ( युगल) ज ११२४; २।१५,१००, ३।२११; ४ २७,३०५१५,२८,५६,६७६७ १७८ उ ३।१३४ जुथलग ( युगलक ) ज २०४६ उ ३११२६ जुवराय ( युवराज ) प १६।४१ ज २।२५ जुवलय ( युगलक ) प २२४०१२ जुवाण ( युवन् ) ज ५१५ जुवण ( यौवन ) ज ३|१३८ जू (यूप) ज २।१५ जया ( यूका ) प १५० ज २२६,४० जूब (ग्रुप) ज ३।३ उ ३२४८, ५०, ५५ जूस (यूष ) सू १०/१२० जूहिया ( यूथिका ) प १३८।२ ज २११०३।३ जूहियापुड (यूथिकापुट ) ज ४११०७ जेठ (ज्येष्ठ) ज ११५;३।१०६ चं १० सू ११५ जेट्ठपुत्त ( ज्येष्ठपुत्र) उ ३११३,५०,५५ जेठा ( ज्येष्ठा) ज ७११२८,१२६,१३४१२, १३५।२,१३६,१४०,१४६, १५२,१६६ स १०/२ से ६,१८,२३,५१,६२,७३,७५,८३,११६, १२०, १३१ से १३५ जेट्ठामूल (ज्येष्ठामूल) ज ७|१०४,१४६,१४६, १५५ १०११२४ उ ३१४० जेट्ठामूली (ज्येष्ठामूली ) ज ७ १३७,१४० सू १०७,१८,२२,२३,२६ जेणामेव (यव) प ३४।२२ ज ३।५ जोअ ( द्योत ) सू १९१२२१२७ जोइ (ज्योतिष) सू १४८, ६, ११ से १३ जोइस ( ज्योतिस्, ज्योतिष ) प २२४८ ३४।१८ ज १।२४; २३६४ से ६६,१००,१०२,१०४, १०६, ११०,११३ से ११७५/४७,६७, ७२ से ७४,७३१७१ से १७४ चं ५/४ सू ११६१४; १६२२१२ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org


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