Book Title: Agam 16 Upang 05 Surya Pragnapti Sutra Surpannatti Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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सूरपण्णत्ती सू० १ से ३१ सू०१ से ३ सू०१ से २ सू०१ से १०
सू०१
पढम पाहुडं बीयं पाहुडं तच्चं पाहुडं चउत्थं पाहुडं पंचमं पाहुडं छळं पाहुडं सत्तमं पाहुडं अट्ठमं पाहुडं नवमं पाहुडं दसमं पाहुडं एक्कारसमं पाहुडं बारसमं पाहुडं तेरसमं पाहुडं चउद्दसमं पाहुडं पण्णरसमं पाहुडं सोलसमं पाहुडं सत्तरसमं पाहुडं अछारसमं पाहुडं एगूणवीसइमं पाहुडं बीसइमं पाहुडं परिसिळं
सू० १ सू०१ से ५ सू०१ से १७३ सू० १ से ६ सू०१ से ३० सू० १ से १७ सू० १ से ८
पृ० ५६४ से ६०६ पृ० ६१० से ६१५ पृ० ६१६ से ६१७ पृ० ६१८ से ६२२ पृ० ६२२ पृ० ६२३ से ६२५ पृ० ६२५ पृ० ६२६ से ६२६ पृ० ६३० से ६३३ पृ० ६३४ से ६६१ पृ० ६६२ पृ० ६६४ से ६६८ पृ० ६६६ से ६७१ पृ० ६७२ प०६७३ से ६७५ पृ० ६७६ १०६७७ पृ० ६७८ से ६८३ पृ० ६८३ से ६९३ पृ० ६६३ से ७०५ प०७०६ से ७१२
सू०१ से ६
सू०१ से ३७ सू० १ से ३८
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