Book Title: Agam 16 Upang 05 Surya Pragnapti Sutra Surpannatti Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 430
________________ १०२६ रहसि र-रायहंस रहसिर (रशिरस्) ज ३।१३१,१३५ रहस्स (रहस्य ) उ ३।११ रहस्सियग (राहसिक) उ११४६ रहस्सियय (राहसिक) उ ११४४ रहस्सीकर (रहस्यीकृ) रहस्सीकरेसि उ ११३६ रहिय (रहित) ए३२१६।१,३५३१२ ज २११५, १३३ सु २०६६ रहोकम्म (रहःकर्मन्) ज २१७१ राई (रात्रि) ज २११५,३।११७,७१२६ से ३०, १२०,१२१ च ५२ सू १९३२।१,३, १६.११.१ राइ (राजन) उ ५.१० राइंदिय (रात्रिदिव) प ६३०; १८।३३,५१; २३११६२ ज २१४६,५२,५६,१५६.१६१ ७.२७,३०,१५८,१६१से १६७ सू ११११, १४,२२ से २४,२७, २॥३,६।१८।१ १०।१६६ से १६६१२२ से ६,१३,१५; १५:३२,३४,३७ उ १५३,७८ राइदियग्ग (रात्रिंदिवान) सू ११११,१२।२ से ६, से २६,३१ से ३४,३६ से ४२,४४ से ५०,५२ से ५.६,६१ मे ६७,६६ से ७४,७६,८३,८८, ६० से ६४,९६,६६ से १०१,१०६ से १०६, ११५ से १२०,१२१११,१२२ से १२५; १२६६१,१२७,१२८,१३१ से १३४,१३५११, १३७ से १३६,१४१,१४३,१४५ से १४७. १५० से १५४,१५७ से १६०,१६३ से १६७, १७०,१७३,१७५.१७७,१८१ से १८३,१८५ से १६२,१६८,१६६,२०१,२०२,२०४ से २१२,२१४,२१५,२१८,२१६,२२१ से २२३; ४।१७७,१८१,२००:५१५,७ चं ८ सू ११३,४ उ ११० से १२,१४,१५,२१,२२,२५,२६,२६ से ३२,३४,३६ से ४४,४६,४९,५७,५८,६१, ६२,६५,६६,६८ से ७४,८२,८३,८६ से १६, १८ से ११६,१२१,१२७,१२६ से १४५; २।४,५,१६,१७,३१४,१५ से १८,२१,२४,८६, १५५,१६८,४१४,६:५६,११ से १३,२५,३० रायकुल (राजकुल) उ १११११,११२:५१४३ रायगिह (राजगह) प १६३।१ उ १६१,२,२८,२६, ९३,३३४,२१,२४,८६,१५५,१६८,४४,६,७, राइण्ण (राजन्य) प ११९५ ज १६५ राईसर (राजेश्वर) ज ३१६,७७,८६,१७८,१८६, १८८,२०६,२१०,२१६,२१६,२२१,२२२ उ ३।११,१०१:५।१०,१७,३६ । राग (सग) प २१४१,१७१११६; २३१६ ज २१२६, ३७,३५,१८४,१८८ ९ १३१२ राति (रात्रि) सू १६१३,१४,१६,२१,२२,२४,२७, २१३; ३१२,४।८,६६।१८।१६।२; १०५, ८८३ रातिदिय (रात्रिदिव) १४।७२,७४,७६,७८,९८, १००,६।११,२६,३१ से ३४,१८१२२ रातोतिहि (रात्रितिथि) मू १०।८६,६१ राम (राम) १६३६ रामकण्ह (गमकृष्ण) उ ११७ राय (राजन) प १६।४१ ज ११३,२६,२।१६,२५, ६३:३।२ से ७,६ से १३,१५,१७ से २४,२६ रायग्गल (राजार्गल) र २०१८,२०1८६ रायत (राजत) ज ३।११७ रायतेय (राजतेजस्) ज ३.१८,६३,१८०,१८७ रायधम्म (राजधर्म) ज २११२६,१५८ रायपवर (राजप्रवर) ज ३१६५,६६,१५६ रायप्पसेणइज्ज (राजप्रतीय) ज ४।११५,५५३२ रायबहुल (राजबहुल) ज ११८ रायमग (राजमार्ग) ज २६५ रायलच्छी (राजलक्ष्मी) ज ३१११७ रायवण्णय (राजवर्णक) ज १२२६;३३३ रायवर (राजवर) ज ३९२,३६,६३,६६,१०६, १६३,१७५,१७८,१८०,१८८,२१६,२२४ रायवल्ली (राजवल्ली)११४८१४ रायसरिस (राजसदृश) उ १११३८ रायहंस (राजहंस)पश७६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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