Book Title: Agam 16 Upang 05 Surya Pragnapti Sutra Surpannatti Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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सूरपण्णत्ती
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ठाणं १३७५
ओभासे से यंकरे खेमंकरे आभकरे पमंकरे अरए विरए असोगे
खेमंकरे पमंकरे , अपरातिए अपरते
अपराजिता
अरया
७३ ७४
विगयसोगे विगतसोगे
विगतसोगा
वीतसोगे विमले
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वितत्ते
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वितते
वितता वितत्था
विवये
वितत्थे
विवत्थे विसाले साले
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सुष्यते
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सब्दतो अणियट्टिए
अणिवी अही
अणियट्टी एगजडी
दुजडी
करकरिए रायम्गले पुप्फकेतू भावकेतू
कर करिए कर करिए कर ८३ करिए ८४ कर करिए राय गले राय म्गले राय ८५ भगले ८६ राय गले
॥ पुप्फकेता
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