Book Title: Agam 16 Upang 05 Surya Pragnapti Sutra Surpannatti Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 300
________________ ८६६ गोयम ४४,४६,४८ से ६४,३।३८ गे १२०,१२२ में १२४,१७४.१७६ ते १८२,४११ से ५४, ५६ मे ६७.६६ ये ७४.६ ६०,६२ २६९५१ से ७.६ से २०,२३.२४,२७ से ३४.३६,३,४०,४१,४४,४५,६५,८६,५२, ५३,५५.५६,५८,१.६,६२,६३,६१.६८,30, ७१,७३,१४,७७,७८,८२,८३,८५,६६.८८, ८६,६२,९३,९६,६७,१००,१०१,१०३,१०४, १०६,१०७,११०,१११,११४,११५.११८, ११६,१२३ से १३१,१३३ से १४०,१४२ में १४७,१४६,१५०,१५३,१५४,१५६,१५७. १५६,१६२,१६३,१६५.१६६,१६८,१६६, १.१ मे १३४,१७६,१७७.१८०,१८१.१८३, १८४,१८६,१८,१८६,१६०,१६२,१६३, १६६,१६७.१६६,२००,२०२,२०३,२०६, २०७,२१०,२११,२१३,२१४,२१७,२१८, २२०,२२१,२२३,२२४,२२७ से २३४, २३६२३६,२४१,२४५७६५१से ४५, ४७ मे ५५,५७,५८,६० से ६४,६७,६८,७० मे ७२,७४ मे ८५,८७ मे ६१,६३,९४,९६ से १०३,१०५ ११०,११२,११४ से ११६, ११८ से १२१,१२३,७१ से ४,६ से ३०%, ८.१ से ११,६।१ से ४,६ से १६,१६ से २२, २५,२६:१०११ से ५,७ से १३,१५ से २४, २६ से २६,३१ से १३:११।१ से ४४,४६, ७३,७६ ६०:१२११ से 37 १३,१५, १६.२०,२१,२३,२४,२७,३१३३:१३११ मे १६.१ मे ३१:१४.१ से ३.१,७,६११ ने १५,१७,१५२१ । २८,३० से ३३,३६ से ५४, ५७ से ७४,७६ से ८४,८६,६१ से ६८,१००, १०३ से १०६,१०८,१०६,११३ से ११६, १२६,१२६,१३२ से १२५,१४०,१४१,१६.१ से ४,६ गे ८,१० से १३,१५,१७,१६ से २१,१७१ से ६,८ से १७,१६ से २२,२४, २५,२७,२६,३३,३६ से ६१,६३ से ६६,७१ से ७६,७८ से ८७,६० से ६२,६४,६५,१००, १०२ से १०४,१०६ से ११६,११८ से १३३, १३६ से १४०,१४६ से १५२,१५४ मे १६४, १६६,१६७,१६६ मे १७२,१८।१ मे १६,१२ मे ३३,३६,४१ से ४१,४६ से १०,६२ मे १२७:१६।१ से ३,५,२०११ से ४.६.७६ मे २५,२७ मे ३०.३२ मे ३४,३८ मे ५४,६१ से ६४,२१११ से १५,१६ से २५,२८ मे ३२, ३६ से ३८,४० मे ४२,४८ से ८१,८३ से ६६,९८ से १०१,१०३ से १०५,२२११ से ११,१३,१५,१७,१६,२१ से २३.२६,२७, २६,३०,३२ से ५०,५२,५३,५:०,५६ से ६६, ७८.७६.८२ से ८४,८६,८७,८६ से ६५,९७ मे २६,१०१,२३५१ से ७६ से ११,१३ से ५०,५७ से ६२,६५,६६ से ७६,८१,८३ मे ८६,८६,६०,६५,९८,६६,१०१ मे १०४, १०६,१११ से ११८,१२८,१२६,१३१ से १३५,१३७ से १४०,१५४,१५५,१५३,१६१, १६१,१६४,१६७,१७१,१७३,१७६,१७७, १९१ से १६६,१६८ से २०१,२४.१ से६,८, १० से १५,२५॥१,२,४,५२६११ से ४,६८ मे १०:२७११ से ३,५,६; २८।१,२ से ७,१० से १६,२१ से २४,२६,३१,३३ से ३७,३६ से ४२,४४,४५,४६ से ५३,५६ से ६५,६७ से ७१,७६ से १६,१०२,१०४,१०६ से १२०, १२२,१२३,१२५,१२७ से १२६,१३२:२६।१ से ३.५ से १३,१६ से २१:३०११ से ३,५ मे १३,१५ से २३,२५ मे २८,३१११ से ३,६,३२११ से ४,६,३३३१ से ३,७ १०, १२,१३,१५ से २६,३१ से ३३,३५,३६; ३४.१ से ३,५ से २,११ से १८,२०,२५; ३५.१ से १३,१६ से २०,२२,२३,३६११ से २२,३० से ५१.५३ से ६४,६६,६७,७०,७१, ७४ मे १०,६२,६४ 7 १५ मे ७,१५ से १८,२० से २३,२६,२७,२६,३३ मे ३५,४१, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505