Book Title: Agam 16 Upang 05 Surya Pragnapti Sutra Surpannatti Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text ________________
फासणाम-बंधणविमोयणगति
६६३
फासणाम (स्पर्शनामन्) प २३।३८,५०
फुसमाण (स्पृशत्) प १३।२३ फासतो (स्पर्शनस् ) प २६ से २८१३२,६६ फुसगणगति (स्पृशद्गति) प १६१३८,३६ फासपज्जव (स्पर्शपयंव) ज २१५१,५४,१२१,१२६, फुसित्ता (स्पृष्ट्वा ) प १५३५१,१६।३९,३६७६,८१
१३०,१३८,१४०,१४६,१५४,१६०,१६३; ज ३२१३१ ७/२०६
फुसिय (स्पृष्ट) ज ५७ फासपरिणाम (सार्शपरिणाम) ५१३१२१,२६ फेण (फेन) ज ३१३५:४:१२५,५२६२,७१७८ फासपरियार (म्पर्शपरिचार) ५ ३४।२१
फेणमालिनी (फेनमालिनी) ज ४१२१२ फासपरियारग (स्पर्शपरिचारक) ५ ३४।२८,२१,२५ फासपरियारणा (स्पन्चिारणा) १३४।१७,२१ फासमंत (स्पर्शवत) १११५२,५६,२८।५,६,५१,
बउल (बकुल) प११३५१
बउस (बकुश) प ११८६ फासविण्णाणावरण (स्पर्श विज्ञानावरण) प २३३१३ बंध (बन्ध) १३.११२,१३१२२११,२,१४११८।१: फासादेस (स्पर्शादेश) प १२०,२३,२६,२६,४८ २६।१२ ज २११३३ फासावरण (सावरण) प २३।१३
बंध (वन्ध) बंधइग २३॥३,१६८२४।१३ से फासिदिय (मर्श न्द्रिय) ५ १५१,६,७,१० से १८,
१५ ३१५५ बंधति १९.१८२२२२२,२३, २० से २७,३०,३१.३५,४२,५८ से ६४,६६,७०,
८६,६०२३१५,७,१३४,१३५,१३७ से १४०, ७३,७४,८०,८५,१३३,२८/४२,४५,४६,७१
१४२,१४३,१४६,१४७,१५१ से १५८,१६०
से १६२,१६४,१६६,१६७,१६६,१७१ से फासिदियत्त (स्पर्श न्द्रियत्व) १२८१२४,२६,३४१२०
१७४,१७६,१७७,१८१,१८५,१८६,१६०% फासिदियपरिणाम (स्पर्शेन्द्रियपरिणाम) ५१३१४
२४१४,५,१० से १२,१५:२६१४.६ ज ५११३ फासु (प्रासु) उ ३।३६
बंधति प २२२२१,८३,८६,८७:२३।१।१, फासुय (प्रासुक,स्पर्शक) उ ३।११४
२३६४,६,१६४ से १६६,१६ से २०१:२४१२, फासुयविहार (प्रासुकनिहार) उ ३१३०,३६
३,१०,१५:२६।२,३,८ बधिसु प १४११७ फासेंदिय (स्पर्शेन्द्रिय) ११५।१६,२८,३१ से ३३,
बंधिस्संति प १४:१८ बंधेसु प १४११८ ६४ से ६७,७६,१३४:२८१३६
बंधेसि उ ३७९ फुट्ट (दे०) ज २१३३
बंधग (बन्धक) प ३।१७४;२२१२२,२३,८४,९०; फुट्ट ( फुट) फुट्टउ उ ५१७२ फुट्टिहि ज ५७३
२३१६३, २४१४ से ८,१० से १३;२६।४ से फुट्टमाण (फुटत् ) ज ३१८२,१८७,२१८
६,८ से १०:२७१५ फुड (स्पृष्ट) ५१५१५३ से ५७,३६।५६,६०,६६
बंधण (वन्धन) प २१६४१२२,१६१५५,३६।८।१, से ६८.७०,७१,७४,७५,८१ च ११३
८३३१,६४११ ज २२२७,२६,८६,८६,१३३; फुडित्ता (स्फुटित्वा) प १११७८
३।२२५ उ ११६६,६८,७२,८८,९२ फुडिय (फुटित) प २११३३ फुल्ल (फुल्ल) ज ३।१८८
बंधणछेदणगति (बन्धनछेदन गति) प १६.१७,२३ फुल्लावलि (फुल बलि) ज ५१३२
बंधणपरिणाम (बन्धनपरिणाम) प १३१२१,२२ -फुस (स्पृश् ) फुसइ ज ३।१३१ फुसई प रा६४११ बंधनविमोयणगति (बंधन विमोचन मति)
फुसति ५ ११।७२ सु ५।१ फुसंतुज ३१११२
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505