Book Title: Agam 16 Upang 05 Surya Pragnapti Sutra Surpannatti Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 262
________________ ८५८ ४१४६; ५१५, ७,४३, ४४, ४७, ६७ सू २०१७ उद्धर (उडर) ज ५५; ७२१७८ उद्धवमाण ( उद्भूयमान) ज ३११८,३१,६३,१८० उ ५ १६ √ उपगच्छ (उप + गम् ) उपगच्छंति ज ३।१६७।१४ उपचयंकर ( उपचयङ्कर ) ज ३।१६७ उपरिल्ल ( उपरितन ) सू १८७ उपसंत ( उपशान्त ) प २०३६ उप्पइत्ता ( उत्पत्य ) प २४५ से ६३ ज ११२५ सू २1१; १८ ।१ उत्पज्ज ( उत् + षद्) उप्पज्जइ सू ६।१ उप्पज्जेति ज २२६७ उपज्जेत ( उत्पद्यमान) ज ३।१६७३५ उपज्जय ( उत्पद्यक) ज ३१३ उप्पड ( उत्पट) प ११५० उत्पण्णमिस्सिया ( उत्पन्नमिश्रिता ) प ११।३६ उत्पण्णबिगमिस्सिया ( उत्पन्नविगतमिश्रिता ) प ११।३६ उत्पत्ति (उत्पत्ति ) प ११६३३६१४|५; ३६।६४ ज ३११६७१३, ६, ८,६,१० उत्पत्तिया (औत्पत्तिकी) उ ११४१, ४३ उत्पन्न ( उत्पन्न ) ज ३१२६,३६,४७, ५६, १३३, १३८, १४५, १७५; ५1३, २२ उत्पन्नको हल्ल ( उत्पन्नकुतूहल ) ज १।६ उत्पन्नसंसय (उत्पन्नसंशय) ज ११६ उत्पन्नसड्ढ ( उत्पन्नश्रद्धा) ज ११६ उपनिव ( उत्पातनिपात ) ज ५१५७ √ उपय ( उत् + पत्) उप्पयंति ज ५ ५७,६४ उप्पल ( उत्पल ) प ११४६,११४८।४४,११६२; १५/५५१२ ज १।५१ २२४, १६:३१३,८६, १८८, २०६४।३,२२,२५,३०,३४,६०,११३, २६६,२७२,५१५५,५६,७११७८ उप्पलंग ( उत्पलाङ्ग ) ज २१४ उप्पलहत्यगय ( हस्तगतोत्पल) ज ३।१० उपला (उत्पला ) ज ४११५५।१,२२२ Jain Education International उद्धर- उम्मुग्गजला उप्पलिणीकंद (उत्पलिनीकन्द ) प ११४८१४२ उत्पल गुम्मा (उत्पलगुल्मा ) ज ४।११५ १,२२२ उप्पलुज्जला ( उत्पलोज्वला ) ज ४।११५।१,२२२ उत्पाइय ( औत्पातिक) ज ३।१०४, १०५, १०६ उप्पाएता ( उत्पाद्य ) प २८१२०,३२,६६ / उप्पाड ( उत् + पादय् ) उप्पाडेज्जा प २०११७, १८,३२ से ३४,४७ उपाय ( उत्पाद ) प ११५० / उप्पाय ( उत् + पादय् ) उप्पाएंति ज २१३६,४१ उप्प ( उपरि ) प २५२ से ६२ ज १११०, १२, १४,१६ १२ ३०:१८१२,३ उ १/४६; २१६; ५।१३,२०,२७,३१ उप्पीलिय ( उत्पीडित) ज ३।७७, १०७, १२४ उ १।१३८ उफिडिय ( उ फिट्य ) प १६४४ उफेस (दे० ) प २।३० उब्बहिया (उद्वाह्य ) प १६ ५४ उभड ( उद्भट ) ज २।१३३ उब्लिज्जमाण ( उद्भिद्यमान) ज ४११०७ उभओ (उभयतस् ) ज ११२३,२५,२८,३२, ३०१७९,४१,१३,३६,४३,६२,७२,७६,८६, ६५,६८,१०३, ११०,१८३,२००, २०१,२०६ ; ५।४६,६०,६६,७१३१,३३४१३,४,६ ; २०१७ उभय (उभय ) ज ३।३ उभयभाग (उभयभाग ) सू २०१४,५ उम्मज्जग ( उन्मज्जक) उ ३१५० उम्मत्तजला (उन्मत्तजला ) ज ४।२०२ उम्माण ( उन्मान ) ज ३।६५, १३८, १५६, १६७/३ उम्ममालिनी ( ऊर्मिमालिनी) ज ४।२१२ उम्मिलिय (उन्मीलित ) प २०४८ ज ३१८८ ४४६ उम्मुक्क (उन्मुक्त ) प २।६४।२१ ज ३१२०,३३, ५४,६३,७१,८४,१३७, १४३, १६७, १८२ उम्मुरगजला ( उन्मुक्तजला ) ज ३३६७ से १०१, १६१ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org


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