Book Title: Agam 16 Upang 05 Surya Pragnapti Sutra Surpannatti Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 295
________________ गच्छमाण-ब्भवतिय ८९१ गच्छह ज ३।१२५,१२७ उ ११४४ गच्छामि गत (गत) प २१३०,३१,६३ ; १७१०७,१५१, ज २०६०,३१२६,३६,४७,५६,१३३,१४५; १५४,२११५२,५५,७७,३४१२०,३६१८३१२, ५।२२ उ १:१७,३।२६ गच्छामो ज ३।१३८; ३६।८६,८८ सू २१३,६।३; १३७,६,१२,१४ ५१३ गच्छाहि ज ३।७६,१२७,१२८,१५१ से १६:२०१७ गच्छिहिइ उ १११४१;३।१८,४।२६,५१४३ गति (गति) प ३३१११,३१३८,३६१०१५३११ गच्छिहिति ज २११३५ से १३७ गच्छेज्ज १६.३६,४०,४३,४६,५५,१७।११४।१; प ३६९१ १८।१।१२३३१३ से २३, ३६८३१२ सू गच्छमाण (गच्छत् ) सू २२, २०१२ २।३१५।१,३७,१८१८ गच्छित्ता (गत्वा) ज ५११४ गतिचरिम (गतिचरम) १०३१ से ३३ गज्ज (गर्ज ) गज्जति ज ५१७ गतिणाम (गतिनामन्) प २३१३८,३६,८१ से गज्जिय (गजित) ज ३.१०४,१०५७११७८ ८४,१४६,१४८,१४६,१७१,१७२ गड्ड (गर्त) ज २१३८,१३१३१८८ उ ३१५५ गतिणामनिहत्ताउय (गतिनामनिधात्तायुष्क) गढिय (ग्रथित) उ ३११४,११५,११६ प६११६,१२२ गण (गण) प २१३०,३१,४१,४८,६० से ६३; गतिपरिणाम (गतिपरिणाम) प १३१२,३,१४,१६ २१६४११५ ज ११३१, २।८,१२,१३,२०,३६ से २१,२३ ४१,६४,४।३,२५ सू १६।२२।१०,२१, २०१६।४ यतिमाता (गतिमात्रा) सू १५१५ से ७ उ ४।११,५१५ गतिरतिय (गतिरतिक) सू १६२३,२६ गणग (गणक) ज ३।६,७७,२२२ गतिसमावण्ण (गतिसमापन्न) सू१०।१७०,१५।५ गणणा (गणना) चं ११३ गणधम्म (गणधर्म) ज २।१२६ गतिसमावण्णग (गतिसमापन्नक) सू १६।२३,२६ गणनायग (गणनायक) ज ३१६,७७,२२२ गत्त (गात्र) प २१३१ ज ३।६,२२२,४।१३; गणराय (गणराज) उ १।१२७ से १३०,१३२ १५७।१७८ गणहर (गणधर) प १६१५१ ज २।७३,६५,९६, गद्दभ (गर्दभ) प ११६३ १०० से १०२,१०४ सू २०१६।४ गब्भ (गर्भ) प ६।२६, १७/१६६,१६७,१६६ गणहरचियगा (गणधरचितका) ज २११०५ से से १७२ ज २१८५,३१३ उ १५० से ५२, ११२,११४ ५४,७४,७६,७७,७९ गणावच्छेइय (गणाव च्छेदक) ५ १६:५१ गम्भवक्कंतिय (गर्भावक्रान्तिक) प ११६०,६६, गणि (गणिन ) प १६.५१ ज ३१३५, १६७ च १३३ ७५,७६,८१,८२,८४,८५,१२६; ३३१८३; गणिज्जमाण (गण्यमान) सू १२।३ से ६,१५ ४।११० से ११२,११६ रो १२१,१२८ से गणितलिवि (गणितलिपि) प ११६८ १३०,१३७ से १३६,१४६ से १४८,१५५ से गणिय (गणित) ज २१४,६४,३।१६७३,६७,८ १५७,१६२ से १६४, ६१२२,२४,६५,६६, गणियपय (गणितपद) ज ६।८।१ ७१,७२,८४,६७,६८,१०८,११३,६७,१०, गणिया (गणिका) ज ३११२,२८,४१,४६,५८, १७,२३, १६।२८,१७१४३,४७,६३,६४,६६, ६६,७४,१४७,१६८,२१२,२१३ उ ५.१०, ६७,८६२११६,१०,१२,१३,१५ से २०,३१, १७ ३४,३६,४३ से ४८,५३,५४,७२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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