Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 04 Sthanakvasi Gujarati
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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धणूइं एक्कारयणी) अवधारणीय सत्रास धनुष्य भने से ११ (उत्तरवेउब्बिया छावट्टि धणूइं दो रयणीओ) उत्तरवैश्यि छ।स: धनुष भने में हाथ.
(पंकप्पभाए भवधारणिज्जा बावहि धणूइं दो रयणीओ) ५४मामा मालीयनी मास धनुष मन मे लायनी (उत्तरवे उबिए पणवीस धणुसयं) उत्तरवैठिय सोयीस धनुषनी
(धूमपभाए भवधारणिज्जा पणवीस धणूसयं) धूमप्रमाRi Hधारणीय से! ५यास धनुष (उत्तरवेउब्बिया अढाइज्जाई धणुसयाई) उत्तरवैठिय मढीसे। धनुष (तमाए भवधार णिज्जा अढाइज्जाई धणुसयाई) तमःलामा मढीसे धनुषनी (उत्तरवे उब्विया पंच धनुसयाई) उत्तरवैठिय पांयस धनुषनी (अहे सत्तमाए भवधारणिज्जा पंच धणुसयाई) सातमी पृथिवीमा धारणीय पायसे धनुषयनी (उत्तरवेउब्बिया धणुसहस्स') उत्तरवैठिय से
१२ धनुषनी (एवं उक्कोसेणं) मेरी कृष्ट समाना छे (जहण्णेणं भवधारणिज्जा अंगुलस्स असंखेज्जइभागं) ४धन्य अवधारणीय २५ शुबने। अस यातमाला (उत्तरवेउव्विया अंगुलस्स संखेज्जहभागं) उत्तरवैयिनी धन्य A40811 मसना सध्यातमाला,
(तिरिक्खजोणिय पंपिदिय वे उब्वियसरीरस्सणं भंते ! के महालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ?) હે ભગવન્! તિયંગેનિક પંચેન્દ્રિયેના વૈકિય શરીરની અવગાહના કેટલી મોટી હોય છે? (गोधमा ! जहण्णेणं अंगुलास सखेज्जइभाग) गौतम ! ४३न्य अनुसनो सभ्यातमाला (उकोसेणं जोयण सयपुहुत्त) कृष्ट से ५४५१ योजना.
(मणुस्स पंचिंदिय वेउव्वियसरीरस्स णं भंते ! के महालिया सरीरोगाहणा पण्णता?). भगवन् ! भनुष्य पयन्द्रियना वैठिय।२।२नी साहुना टसी मोटी ४ी छ ? (गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलास सखेज्जइभाग) 3 गौतम ! ४५न्य २५ सना सध्यातमाला (उक्कोसेणं सातिरेगं जोयणसयसहस्स) घट ४४४ मथि से योन.
(असुरकुमार भवणवासीदेवपंचिंदिय वेउब्धियसरीररस णं भंते ! के महालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ?) 3 मापन ! मसु२४मा२ मनवासी ४२ ५'यन्द्रियन यशरीरनी साना सी मोटी छे ? (गोयमा ! असुरकुमाराणं देवाणं दुविहा सरीरोगाहण। पण्णता) है मौतम ! मसु२भार वोनी शरी२२१ मे प्रा२नी दी छ (तं जहा-भवधारणिज्जा य उत्तरवेउव्विया य) ते मा हारे धारणीय अनत्तर वैश्यि (तत्थणं जा सा भवधार
श्री. प्रशाना सूत्र:४
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