Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Shwetambar Agam Guna Manjusha
Author(s): Gunsagarsuri
Publisher: Jina Goyam Guna Sarvoday Trust Mumbai

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Page 47
________________ or©55555555555555 (६) णायाधम्मकहाओ प.सु. ५ अ. सेलगे [३६] $ $$$$$$ $$ EC$乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐听听乐频听听听听听听听听听听听听听听听听听听听乐蛋蛋乐乐听听听听听听FM कुडुबमज्झे ठावेत्ता पुरिससहस्सवाहिणीओ सीयाओ दुरूढा समाणा मम अंतियं पाउब्भवह । ते वि तहेव पाउन्भवंति । तते णं से सेलए राया पंच मंतिसयाई पाउब्भवमाणातिं पासति, २त्ता हट्ठतुढे कोडुंबियपुरिसे सहावेति, २त्ता एवं वदासी खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! मदुयस्स कुमारस्स महत्थं जाव रायाभिसेयं उवट्ठवेह, अभिसिंचति जाव राया जाए विहरति। तते णं से सेलए मदुयं रायं आपुच्छइ। तते णं से मढुए राया कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ, २त्ता एवं वदासी खिप्पामेव सेलगपुरं नगरं आसित्त जाव गंधवट्टिभूतं करेह य कारवेह य, २त्ता एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह । तते णं से मढुए दोच्चं पि कोडुबियपुरिसे एवं वदासी खिप्पामेव सेलगस्स रन्नो महत्थं जाव निक्खमणाभिसेओ जहेव मेहस्स तहेव, णवरं पउमावती देवी अग्गकेसे पडिच्छति, सच्चेव पडिग्गहं गहाय सीयं दुरुहति । अवसेसं तहेव जाव सामातियमातियाति एक्कारस अंगाई अहिज्जति, २ त्ता बहूहिं चउत्थ जाव विहरति । तएणं से सुए सेलयस्स अणगारस्स ताई पंथयपामोक्खाति पंच अणगारसयाई सीसत्ताए वियरति। तते णं से सुए अन्नया कयाइ सेलगपुराओ नगराओ सुभूमिभागाओ उज्जाणाओपडिनिक्खमति, २ त्ता बहिया जणवयविहारं विहरति । तते णं से सुए अणगारे अन्नया कयाइ तेणं अणगारसहस्सेणं सद्धिं संपरिबुडे पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे गामाणुगामं विहरमाणे जेणेव पुंडरीए पव्वए जाव सिद्धे। ५७. तते णं तस्स सेलगस्स रायरिसिस्स तेहिं अंतेहि य पंतेहि य तुच्छेहि य लूहेहि य अरसेहि य विरसेहि य सीएहि य उण्हेहि य कालातिकतेहि य पमाणातिक्कंतेहि य णिच्चं च पाणभोयणेहि य पयइसुकुमालयस्स सुहोचियस्स सरीरगंसि वेयणा पाउब्भूता उज्जला जाव दुरहियासा, कंडु-दाह-पित्तज्जरपरिगयसरीरे यावि विहरति। तते णं से सेलए तेणं रोगातंकेणं सुक्खे जाए यावि होत्था । तते णं से सेलए अन्नया कदाइ पुव्वाणुपुब्विं चरमाणे जाव जेणेव सुभूमिभागे जाव विहरति । परिसा निग्गया, मदुओ वि निग्गओ, सेलयं अणगारं वंदइ नमसइ, २ त्ता पज्जुवासइ, २त्ता तते णं से महुए राया सेलयस्स अणगारस्स सरीरयं सुक्खं भुक्खं जाव सव्वाबाहं सरोगं पासति, २ एवं वदासी अहं णं भंते ! तुम्भं अहापवत्तेहिं तेगिच्छिएहिं अहापवत्तेणं ओसह-भेसज्ज-भत्त-पाणेणं तेगिच्छं आउट्टावेमि, तुब्भे णं भंते ! मम जाणसालासु समोसरह, फासुएसणिज्ज पीढ-फलग-सेज्जा-संथारगं ओगिण्हित्ताणं विहरह । तते णं से सेलए अणगारे मडुयस्स रण्णो एयम8 तहत्ति पडिसुणेति । तते णं से मद्दुए सेलयं वंदति नमसति, २त्ता जामेव दिसंपाउन्भूते तामेव दिसं पडिगते । तते णं से सेलए कल्लं जाव जलते सभंडमत्तोवगरणमायाए पंथयपामोक्खेहिं पंचहिं अणगारसएहिं सद्धिं सेलगपुरमणुपविसति, २ त्ता जेणेव मडुयस्स रण्णो जाणसालाओ तेणेव उवागच्छति, २ ता फासुयं पीढ जाव विहरति । ततेणं से मदुए तेगिच्छिए सदावेति, २त्ता एवं वदासी तुब्भे णं देवाणुप्पिया ! सेलयस्स फासुएसणिज्जेणं जाव तेगिच्छं आउट्टेह । तते णं ते तेगिच्छिया महुएणं रण्णा एवं वुत्ता समाणा अट्ठतुट्ठा सेलयस्स अहापवत्तेहिं ओसह-भेसज्ज-भत्त-पाणेहिं तेगिच्छं आउट्टेति, मज्जपाणयं च से उवदिसंति । तते णं तस्स सेलयस्स तेहिं तेहिं अहापवत्तेहिं जाव मज्जपाणएण य से रोगायके उवसंते यावि होत्था, हटे गल्लसरीरे जाते ववगयरोगातंके । तते णं से सेलए तंसि रोयातंकसि उवसंतंसि समाणंसितंसि विपुले असण ४ मज्जपाणए यमुच्छिए गढिए गिद्धे अज्झोववन्ने ओसन्ने ओसन्नविहारी एवं पासत्थे पासत्थविहारी कुसीले कुसीलविहारी पमत्ते पमत्तविहारी संसत्ते संसत्तविहारी ओबद्धपीढ-फलग-सेज्जा संथारए पमत्ते यावि विहरति, नो संचाएति फासुएसणिज्ज पीढं पच्चप्पिणित्ता मडुयं च रायं आपुच्छित्ता बहिया जाव विहरित्तए। ५८. तते णं तेसिं पंथयवज्जाणं पंचण्हं अणगारसयाणं अन्नया कदाइ एगतओ सहियाणं जाव पुव्वत्तावरत्तवरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं जागरमाणाणं अयमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पज्जित्था एवं खलु सेलए रायरिसी चइत्ता रज्जं जाव पव्वतिए, विपुले असण-पाण-खाइमसाइमे मज्जपाणए य मुच्छिए नो संचाएति जाव विहरित्तए, नो खलु कप्पइ देवाणुप्पिया! समणाणं जाव पमत्ताणं विहरित्तए, तं सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं कल्लं सेलयं रायरिसिं आपुच्छित्ता पाडिहारियं पीढ-फलग-सेज्जा-संथारगं पच्चप्पिणित्ता सेलगस्स अणगारस्स पंथयं अणगारं वेयावच्चकरं ठवेता बहिया अब्भुज्जएणं जाव विहरित्तए। एवं संपेहेति, २त्ता कल्लं जेणेव सेलए० आपुच्छित्ता पाडिहारियं पीढ़ - [फलग-सेज्जा-संथारगं] पच्चप्पिणंति, २ त्ता पंथयं अणगारं वेयावच्चकर ठवेति, २ त्ता बहिया जाव विहरंति । ५९. तते णं से पंथए सेलए सेज्जा-संथार-उच्चार-पासवण-खेल-सिंघाण-मत्त-ओसह-भेसज्ज-भत्त-पाणएणं अगिलाए roro5555555555555555555श्री आगमगुणमंजूषा - ६२६॥ 5 555 9455555555555 SONOR SOF听听听听听听听听听听听听乐听听听听听听 听听听听听听听听听乐听听听听听听听听听听听乐乐玩玩乐乐EC

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