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आठवाँ अध्ययन : विमोक्ष -.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.-.
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पद्यमय भावानुवाद
बुद्धिमान जिनधर्म में, बनता कुशल कमाल। करता धर्म प्रभावना, अहो! संघ का लाल।।
• कषाय निरोध. मूलसूत्रम्
कसाए पयणुए किच्चा। पद्यमय भावानुवाद
सर्वप्रथम कर लीजिए, पतली आप कषाय । जैनागम का सार यह, अल्प शब्द समझाय।।
• समता ग्रहण बोध. मूलसूत्रम्
अप्पाहारे तितिक्खए। पद्यमय भावानुवाद
अल्प अशन जब प्राप्त हो, कर ले मन संतोष। सहन करो समभाव से, मिटे पाप मल दोष।।१।।
.अभय मार्ग. मरने की इच्छा नहीं, नरभव सफल बनाय। शुभ संयम आराधना, यही भावना लाय।।२।। नहिं जीवन पर राम है, नहीं मृत्यु पर द्वेष । उदासीन हो देह से, समता भाव विशेष।।३।।
•समाधि रहस्य. मूलसूत्रम्
मज्झत्थो णिज्जरापेही, समाहिमणु पालए। अंतो बहिं विउसिज्ज, अज्झत्थं सुद्ध मेसए।।