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वरजी म. सा. द्वारा
त्य
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श्री सुरू कल्याण मन्दिर स्तोत्र
SHRI KALYAN MANDIR STOTRA LUBIRATO
जिनोत्तम दोहावली
धनवली निगे
श्रीर्यवा
સાહિત્ય સમા
नम amarent fofrucal
नवकार दोहावली
भरत चक्रवर्ती
सम्राट विक्रमादित्य
जीवन म
સ્યાદ્વાદની સવિાદતા
रचयिता
|| नमामि सादरं सुशील सूरीशं ॥
जहां श्री सुशील गुरू की महेर है । वहां सदा लीला लहेर है।