________________ आनन्द मदिरासन आनन्द मदिरासन आनन्द मदिरासन विधि वज्रासन में बैठ जाइये / हाथों को एड़ियों पर रख दीजिये / हथेलियाँ नीचे की ओर रहें। धड़ को सीधा रखिये और आँखों को त्रिकुटि में स्थिर कीजिये। श्वास धीमी और गहरी। समय / . : आध्यात्मिक लाभ के लिए लम्बे समय तक किया जाना चाहिये / एकाग्रता अभ्यास की प्रारम्भिक अवस्थाओं में श्वास-प्रश्वास क्रिया पर / पर्याप्त शिथिलीकरण की अवस्था प्राप्त हो जाये तो आज्ञा चक्र पर / लाभ यद्यपि शारीरिक स्तर पर इसे बड़ी सरलता से किया जा सकता है लेकिन आज्ञा चक्र जगाने में इसके प्रयोग के कारण इसकी पृष्ठ-भूमि गुप्त है (जिसे गुरु-शिष्य परम्परा के अन्तर्गत ही जाना जा सकता है)। अतः मुख्य रूप से यह एक आध्यात्मिक आसन है, यद्यपि इससे स्नायविक प्रणाली को विश्राम और मन को शान्ति भी मिलती है। 79