Book Title: Aasan Pranayam Mudra Bandh
Author(s): Satyanand Sarasvati
Publisher: Bihar Yog Vidyalay

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Page 382
________________ मध्यवर्ती प्रदेश या मेड्यूला की रचना पृष्ठवंशीय नाड़ियों की भाँति नाड़ी कोशाओं से होती है / यहाँ दो बहुत ही शक्तिशाली रसों का स्राव होता है जिन्हें एड्रिनलिन (adrenalin) तथा नॉरएड्रिनलिन (noradrenalin) कहते हैं। दोनों रसों द्वारा रक्तचाप उच्च होता है। उपवृक्कीय रस हृदय की धड़कन को बढ़ाता है, रक्त नलिकाओं की संकोचन -क्रिया द्वारा रक्तचाप बढ़ाता है,शरीर में ओषजन की शोषण - क्रिया में वृद्धि करता है, श्वसन-दर बढ़ाता है तथा शरीर के अधिकतम अंगों में तथा अंतरांगों के बाहर रक्त प्रवाहित करता है। यह पाचन - क्रिया मंद करता है; कर्ण, नेत्र आदि ज्ञानेन्द्रियों को अपेक्षाकृत अधिक संवेदनशील बनाता है तथा अन्य कई कार्य करता है / यह ग्रंथि शरीर को उत्तम क्रिया द्वारा प्रतिकार करने के योग्य बनाती है / इस उददेश्य की पूर्ति शरीर को बाह्य रूप से सजग तथा प्रेरित करते हुये होती है / तनाव या भय की स्थिति में ग्रंथि की क्रिया मस्तिष्क के सामने के भागों से प्रारम्भ होती है। मस्तिष्क के मध्य में स्थित हाइपोथैलेमस (hypo-thalamus ) को संदेश प्रसारित किया जाता है। यहाँ से नाड़ीयप्रभाव या संदेश उपवृक्कोय मेड्यूला को भेजा जाता है / परिणामतः शीघ्र ही उपवृक्कीय रस का स्राव रक्त में हो जाता है। उसी क्षण शरीर अतिरिक्त बल के लिये तैयार हो जाता है। नॉरएड्रिनलिन रस सभी नाड़ीय प्रभावों को प्रेरित करता है। . प्रत्येक ग्रंथि के ऊपरी आवरण या कॉर्टेक्स कुछ शक्तिशाली रसों की उत्पत्ति करते हैं। इनका मेड्यूला से किसी प्रकार सम्बन्ध नहीं रहता / इनसे उत्पन्न रस को स्टेरॉइड्स (steroids) कहते हैं / शरीर में इनके अनेक कार्य हैं / विभिन्न गुणों के तीस से भी अधिक स्टेरॉइड्स के स्राव का पता लगा है | सभी की उत्पत्ति कोलेस्टेरॉल (cholesterol) नामक रासायनिक तत्व से होती है / इस उत्पन्न रस की क्रिया यकृत, वृक्क तथा प्रजनन अंगों पर होती है। वृक्कों की क्रिया कार्टिजोन (cortisone) रस द्वारा होती है जो सोडियम के पुनः शोषण तथा. पोटेशियम की उत्सर्जन - क्रिया में वृद्धि करता है। ____ यदि उपवृक्क ग्रन्थियों की क्रियाशीलता कम हो जाये तो कोशाओं में पोटेशियम की मात्रा न्यून हो जायेगी / इससे रक्त का घनफल कम हो जायेगा तथा रक्तचाप न्यून हो जायेगा / उपवृक्कीय कॉर्टेक्स द्वारा निर्मित रसों में सबसे महत्वपूर्ण रस कार्टिजोन है क्योंकि यह शरीरगत जीवन सत्व के परिवर्तन की दर को नियंत्रित करता है / शारीरिक कोशाओं द्वारा ग्लूकोज (blood sugar) का प्रयोग किया जाता है / यह रस क्रिया की गति पर अपना अधिकार रखता 365

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