Book Title: Aasan Pranayam Mudra Bandh
Author(s): Satyanand Sarasvati
Publisher: Bihar Yog Vidyalay

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Page 417
________________ . तनाव एवं दवाव : 'चिंता देखिये। थकावट : यदि इसका कारण हृदय रोग न होकर शारीरिक एवं मानसिक शक्ति की कमी है तो योगाभ्यास द्वारा उपचार संभव है। इसके कारण सामान्यतः निम्न हैं(१) निराशा, निद्रा में कमी, नाड़ीय - तनाव - 'चिंता' देखिये। . (2) पांडु रोग - यह खंड देखिये / (3) मधुमेह - संबंधित खंड देखिये / (4) व्यायाम तथा रक्त-संचार की कमी- सभी योगाभ्यास, विशेषतः सूर्य नमस्कार, भुजंगासन, उष्ट्रासन, चक्रासन, धनुरासन, उड्डियान बंध। . दमा : सूर्य नमस्कार का अभ्यास (धीरे - धीरे)। सभी ऐसे आसन जिनमें उदर एवं हृदय से दीर्घ श्वसन होता हो / सर्वांगासन, सुप्त वज्रासन, मार्जारि आसन, उष्ट्रासन, हस्त उत्तानासन, उत्थित लोलासन, द्विकोणासन, मत्स्यासन, पीछे मुड़ने वाले आसन, पाद हस्तासन एवं बद्ध पद्मासन / एकाग्रता सहित श्वास क्रिया। सभी परिस्थितियों में सदैव उदर श्वसन / प्राणायाम की प्रस्तावना देखिये / .. नाड़ी शोधन, भस्त्रिका, कपालभाति प्राणायाम आदि / वस्त्र धौति, कुंजल, शंखप्रक्षालन / रोग के निम्न स्तर पर कुंजल भी तुरंत लाभ पहुँचाता है। यह मनोवैज्ञानिक रोग है, अतः योग निद्रा, अजपाजप, अंतर्मोन आदि का अभ्यास करना चाहिए जिससे किसी प्रकार की नस की कमजोरी या घबराहट दूर हो जाये। दीर्घकालीन बदहजमी की शिकायत : 'चिंता' देखिये / प्रायः इसका कारण नाड़ीय-तनाव एवं दबाव होता है। दुर्बल पाचन संस्थान भी इसका एक कारण है / अशुद्ध, भारी, अनुचित विधि से पकाया भोजन एवं अधिक आहार इसका मुख्य कारण है। 'उदर' में दिये गये अभ्यास देखिये। प्रतिदिन उपवास एवं कुंजल कीजिए। 400

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